रायपुर : छत्तीसगढ़ में अभी केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर विभाग (आईटी) जैसी कुछ एजेंसियां की कार्यवाही कर पा रही थीं। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की कार्यवाही पर राज्य में रोक है। छत्तीसगढ़ में सीबीआई के प्रवेश पर 10 जनवरी 2019 से रोक लगी हुई है। दिसंबर 2018 में प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ था। बड़े बहुमत के साथ सरकार में आते ही तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने 2019 में सीबीआई को दी गई सहमति तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी। इसकी वजह से 2019 के बाद से अभी तक प्रदेश में राज्य सरकार से संबंधित संस्थानों और मामलों में सीबीआई की जांच नहीं हुई है।
महादेव ऑन लाइन गेमिंग एप मामले की जांच कर रही ईडी चाहती है कि इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी जाए। इसको लेकर ईडी ने कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया है। यह मामला कोर्ट के विचाराधीन है। कानून के जानकारों के अनुसार सीबीआई दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना (डीएसपीई) अधिनियम के तहत काम करती है। इस कानून प्रावधानों के अनुसार सीबीआई की किसी भी जांच के लिए संबंधित राज्य सरकार की सहमति एक आवश्यकता है। बता दें कि देश में बदले सियासी समीकरण के बीच बंगाल व छत्तीसगढ़ समेत कुछ और राज्यों ने सीबीआई को दी गई सहमति समाप्त कर दी है।
अब जबकि छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन हो चुका है। राज्य में भाजपा की वापसी हो चुकी है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि राज्य सरकार सीबीआई को फिर से जांच के लिए सहमति जारी कर सकती है। जानकारों के अनुसार प्रदेश में यदि फिर से सीबीआई की इंट्री होती है तो ऐसे कई मामलों की जांच सीबीआई को ट्रांसफर हो जाएगी जिसकी जांच अभी ईडी कर रही है।
बताते चले कि ईडी इस वक्त छत्तीसगढ़ में 6 मामलों की जांच कर रही है। इसमें महादेव एप, कोयला और शराब घोटला शामिल है। इन मामलों में ईडी ने गिरफ्तारी भी की है। कोयला घोटला में आईएएस अफसर जेल में हैं, जबकि शराब घोटला में भी कुछ अफसरों के साथ ही नेता इस वक्त जेल में हैं। महादेव ऑन लाइन गेमिंग एप में 4 लोगों को गिरफ्तार हैं। डीएमएफ में हुई कथित गड़बड़ी के मामले में भी ईडी ने केस दर्ज कर रखा है। इस केस में भी छापे की कार्रवाई हुई। ईडी ने छत्तीसगढ़ में जल जीवन मिशन में हुई कथित गड़बड़ी के मामले में भी एक केस दर्ज करके बैठी है। इसकी अभी जांच चल रही है।
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