सादगी का पर्व 18 दिसम्बर 

सादगी का पर्व 18 दिसम्बर 


 नगर टुण्ड्रा:गुरूपर्व माह दिसम्बर परम पूज्य बाबा गुरू घांसीदास जी के जन्म महिना होने से सतनाम अनुवायियों के लिये पवित्र माह होता है अतः पूरे महिने सादगी के साथ जीवन शैली रखा जाता है।बाबा गुरू घांसीदास जी नेअपने सात वचनों का अमृत जनमानस को दिये है कौन कितना धारण करता है यह उनके विवेक पर निर्भर है। सदा सत्य बोलना,पर नारी माता समान, मूर्ति पूजा न करना,मांस मदिरा का सेवन नहीं करना,पशुओं के प्रति प्रेम, समानता एवं सदाचार के कसौटी का पालन उनके अमृत है।इन वचनों में मूर्ति पूजा का वर्जित करने के पीछे अपने भीतर की काया को जागृत करने का है हम पत्थर की मूर्ति के स्थान पर अपने काया मंदिर में बिराजे परम शक्ती को पहचाने मंदिरों के नियमों लडाई झगडें से बचें,जिस ईश्वर को इधर उधर भटक भटक कर खोज रहे हैं वह सभी के हृदय पटल में बिराजमान है । कोई भी महान संत कोई जाति विशेष का नहीं रहता उनके उपदेश सर्व मानव जाति के लिये होता है।आइये एक बार पुनः 18 दिसम्बर के अवसर पर अपने  बुराईयों का त्याग करते हुये सतनाममय हो जाएं ।
उक्त विचार व्यक्त किये हैं राजमहंत पी के घृतलहरे रिटायर्ड कृषि अधिकारी ने।






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