इछावर: आपने अभिनेता पंकज त्रिपाठी की फिल्म कागज तो जरूर देखी होगी, जिसमें एक व्यक्ति को दस्तावेजों में मरा हुआ घोषित कर दिया जाता है। इसके बाद वह आदमी खुद को कागजों में जिंदा साबित करने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटता है। लेकिन सालों बीत जाने के बाद भी सरकारी कागज में वह ज़िंदा नहीं हो पता । ऐसे ही हैरान करने वाला मामला प्रदेश के इछावर से सामने आया है। जहां एक बुज़ुर्ग महिला खुद को कागज में जीवित साबित करने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रही है। लेकिन इसके बाद भी अधिकारी उसकी मदद करने के लिए तैयार नहीं है।
बुज़ुर्ग महिला दे रही ज़िंदा होने का सबूत
दरअसल, बुज़ुर्ग महिला इछावर तहसील क्षेत्र की रहने वाली है। जिसे कुछ दिन पहले पता चला की उसे कागजों में मृत घोषित कर दिया है। जिसके बाद से महिला लगातार खुद को जीवित सिद्ध करने के लिए अधिकारियों की चौखट पर गुहार लगा रही है। लेकिन अब तक ना तो रिकॉर्ड में सुधार किया जा गया और ना ही दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई है। पीड़िता महिला का कहना है कि उसकी जमीन को हड़पने के लिए यह सारी सदिश की गई है।इस घटना के सामने आने के बाद से एक बात तो साफ़ है कि इंसान का जिस्म से ज्यादा कागज पर जिंदा होना जरूरी है।
भ्रष्टाचार की शिकार हुई महिला
आपको बता दें कि प्रशासनिक अधिकारियों की इस तरह की लापरवाही कोई पहली बार नहीं हुई है। इसके पहले भी इस तरह के कोई मामले सामने आ चुके है। अब देखना यह है कि वृद्ध महिला खुद को जीवित साबित करने के लिए कब तक दर-दर भटकती है या फिर कोई उसकी मदद के लिए सामने आता है। या फिर जीवित होने के बाद भी उन्हें कागजों पर हमेशा के लिए मृत रहना पड़ेगा।
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