अबूझमाड़ के दक्ष गावड़े का राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी में चयन

अबूझमाड़ के दक्ष गावड़े का राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी में चयन

नारायणपुर :  बस्तर संभाग के नारायणपुर जिले का अबूझमाड़ क्षेत्र घने जंगल के कारण घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र भी है। पांच हजार वर्ग किमी क्षेत्र में फैला हुआ है अब तक इस क्षेत्र को छत्तीसगढ़ का सबसे ज्यादा पिछड़ा क्षेत्र माना जाता है। अबूझमाड़ में अब स्थिति बदल गई है। केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयास से इन क्षेत्रों का भी तेजी से विकास हो रहा है। लोगों को बुनियादी सुविधाओं के साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में भी काफी बदलाव आया है । यहां के बच्चे स्कूल जा रहे हैं जिससे समाज में प्रतिष्ठा बढ़ रही है । इनकी अद्भुत प्रतिभा अब देश और प्रदेश के विकास में अहम हिस्सा बनते नजर रहे हैं। विवेकानंद विद्यापीठ के कक्षा 12वीं के विद्यार्थी दक्ष गावड़े ने राज्यस्तरीय बाल विज्ञान प्रदर्शनी में इनोवेटिव आईडिया प्लास्टोन मेकर विषय के साथ भाग लिया था । उसमें उसका चयन अब 50वीं राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी-2023-24 के लिए हुआ है. जिसका आयोजन दिनांक 26-12-2023 से 31-12-2023 तक छत्रपति शिवाजी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स महालांग, बेलवाड़ी, पुणे, महाराष्ट्र में किया जाएगा ।

इसके लिए छत्तीसगढ़ से 9 प्रतिभागियों का चयन किया गया है। जिसमें नारायणपुर जिले से रामकृष्ण मिशन विवेकानंद विद्यापीठ के कक्षा 12वीं के बालक दक्ष गावड़े का चयन हुआ है । आज हम समाज में देखते हैं कि विभिन्न प्रकार के प्रदूषण हमारे लिए गंभीर समस्या का कारण बनते जा रहे हैं. जिसमें सबसे ज्यादा मात्रा में प्लास्टिक बैग, प्लास्टिक कप, गिलास, गुटके का रैपर, इत्यादि प्रमुख रूप से शामिल है । इसी विषय पर दक्ष ने चिंतन कर एक प्लास्टोन मेकर बनाने का तरकीब निकाला और मॉडल तैयार किया है।

इसके जरिए इन प्लास्टिक कचरे से सड़क निर्माण के कार्य में सहयोग मिलेगा. इस मशीन के जरिए 150 डिग्री तापमान में प्लास्टिक कचरे को पिघलाकर गिट्टी के साथ मिलाकर सड़क निर्माण किया जायेगा । एक किमी सड़क निर्माण में करीब 10 से 15 टन तारकोल लगता है इतनी मात्रा में एक टन प्लास्टिक कचरे का प्रयोग किया जा सकता है. 100 किमी सड़क निर्माण में 100 टन तारकोल की बचत होगी और इससे सड़क की मजबूती बढ़ेगी, रोड की लाइफ बढ़ेगी, लागत में कमी आएगी बरसात या पानी से रेसिस्टेंस बढ़ेगी । इसके अलावा सिरामिक वेस्ट जैसे चीनी मिट्टी के कप, प्लेट के टुकड़े इत्यादि को भी इस प्रकार से उपयोग में लाया जा सकता है। दक्ष को लेकर विवेकानंद विद्यापीठ के विज्ञान शिक्षक सत्यप्रकाश राय 24 दिसंबर को पुणे के लिए रवाना होंगे. आश्रम के सचिव स्वामी व्याप्तानन्द ने दक्ष को आशीर्वाद और शुभकामनाएं दी।

 

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