रायपुर : पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय की वार्षिक परीक्षाएं मार्च के प्रथम सप्ताह से शुरू होने की संभावना है। इससे पहले कोर्स पूरा करने पर जोर दिया जा रहा है। पूरक परीक्षाओं में देरी के कारण कालेजों में नियमित पढ़ाई नहीं हो पाई है, जिसके कारण दिसंबर तक जितने कोर्स की पढ़ाई पूरी हो जानी चाहिए, वह नहीं हो पाई है। वार्षिक परीक्षाओं के लिए आवेदन भी शुरू हो गए हैं।
जिन छात्रों की उपस्थिति कम है, उनकी 75 प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए कालेजों को निर्देश दिए जा रहे हैं। विश्वविद्यालय प्रबंधन कालेजों से कितना कोर्स पूरा हुआ, छात्रों की उपस्थिति कितनी है जैसी जानकारी देने के लिए निर्देश दिया गया है। उच्च शिक्षा विभाग की तरफ से जारी शैक्षणिक कैलेंडर में भी छात्रों की उपस्थिति की गणना करने के निर्देश दिए गए हैं। छात्रों की उपस्थिति की गणना पढ़ाई शुरू होने से लेकर 30 नवंबर तक होगी।
विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने बताया कि नया सत्र शुरू होने के साथ ही कालेजों को शैक्षणिक कैलेंडर का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। उसी के अनुसार कालेज में कक्षाएं संचालित की जा रही है। उपस्थिति की गणना इस महीने की जाएगी। इसमें हर विषय की कक्षा में 75 प्रतिशत उपस्थिति जरूरी है। ऐसे छात्र जो एनसीसी, एनएसएस कैंप, खेलकूद, राज्य स्तरीय प्रतिस्पर्धाओं में शामिल हुए हैं, उन्हें उपस्थित माना जाएगा। जिन छात्रों की उपस्थिति बहुत कम है, वे नियमित छात्र के रूप में परीक्षा के लिए पात्र नहीं होंगे। उच्च शिक्षा से जुड़े राज्य में 500 से अधिक कालेज हैं। इसमें से 260 से अधिक शासकीय संस्थान हैं।
शिक्षा सत्र 2023-24 के तहत यूजी और पीजी की प्रवेश प्रक्रिया जून में शुरू हुई थी। शुरुआत में प्रवेश के लिए आनलाइन आवेदन मंगवाए गए थे। बड़ी संख्या में सीटें खाली रहने के कारण प्रवेश की तिथि बढ़ाई गई। इसमें छात्रों को कालेजों में सीटों की उपलब्धता के अनुसार आफलाइन प्रवेश दिए गए। कालेजों में आफलाइन कितने छात्रों को प्रवेश दिया गया है, इसकी सूची अपडेट नहीं हुई। विश्वविद्यालय की तरफ से कालेजों को पत्र लिखकर सूची अपडेट करने के निर्देश दिए गए हैं। अभी भी बहुत सारे कालेजों की तरफ से प्रवेश की अंतिम सूची अपडेट नहीं की गई है।
विश्वविद्यालय की वार्षिक परीक्षा मार्च में शुरू होगी। परीक्षा के लिए आवेदन प्रक्रिया 15 दिसंबर से शुरू हो गई है। पांच जनवरी तक छात्र आवेदन कर सकते हैं। इसके बाद आवेदन करने के लिए विलंब शुल्क देना होगा। पिछले वर्ष विश्वविद्यालय की वार्षिक परीक्षा के लिए लगभग डेढ़ लाख छात्रों ने आवेदन किया था। इसमें नियमित की तुलना में स्वाध्यायी छात्र के रूप में आवेदन करने वालों की संख्या अधिक थी। जानकारों का कहना है कि यूजी कक्षाओं में बीकाम व बीएससी की तुलना में बीए में प्राइवेट यानी स्वाध्यायी छात्रों की संख्या अधिक रहती है। इसके अलावा वार्षिक परीक्षा के तहत होने वाली पीजी परीक्षाओं में अधिकांश प्राइवेट छात्र रहते हैं।
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