पेड़ कटाई को लेकर वन विभाग और ग्रामीण आये आमने सामने

पेड़ कटाई को लेकर वन विभाग और ग्रामीण आये आमने सामने

कांकेर :  छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के ग्राम ठेमा में पेड़ कटाई को लेकर वन विभाग और ग्रामीण आमने सामने आ गए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि, जंगल के पेड़ों को पिछले एक हफ्ते से लगातार काटा जा रहा है। इसकी शिकायत वन विभाग से की गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है जबकि यह शासकीय भूमि है। अवैध रूप से काटने से मना किया गया लेकिन फिर भी कटाई नहीं रूक रही है।

इस मामले को लेकर वन प्रबंधक समिति का कहना है कि, आबादी जमीन से लकड़ी काटी जा रही है। गांव के लोगों को इसकी सही जानकारी नहीं है। समिति बनी है उससे भी अनुमति नहीं ली गई है। सारे नियमों को दरकिनार कर पेड़ों की कटाई की जा रही है। वहीं रेंजर का कहना है कि, यह पूरी जमीन मालिक मकबूजा की है। कटाई करवाने वाला सरोना का ही है। उसे विभाग से एक नग बीजा और 9 नग साल के पेड़ की काटने अनुमति मांगी थी, जिसे फॉरेस्ट विभाग ही कटवा रहा है। 

एक बार फिर होगा जमीन का सीमांकन-रेंजर  

रेंजर ने आगे कहा कि, जमींन एक ग्रामीण की है इसलिए कटाई की जा रही हैं। चूंकि पहले भी जमीन का सीमांकन कर कटाई की जा रही थी। एक बार फिर से जमीन का सीमांकन कराया जाएगा उक्त भूमि वन भूमि नहीं है। यहां अब तक केवल 10 पेड़ ही काटे गए है। जमीन का निरीक्षण हुआ उस वक्त हुआ जब मैं यहां पदस्थ नहीं था। जिस वक्त यह प्रक्रिया चल रही थी उस वक्त वन भूमि सामुदायिक अधिकार पत्र नहीं मिला था। ग्रामीण कुछ भी आरोप लगा सकते है पर वह उसकी प्राइवेट जमीन है।

पहले भी हुई है पेड़ों की कटाई 

बता दें कि, पहले भी भानुप्रतापपुर वनमंडल के अधिकारियों की एक गंभीर अनियमितता सामने आई थी। वनमंडल के अंतागढ़ परिक्षेत्र में करीब डेढ़ सौ बड़े-बड़े साल के पेड़ों को गैरकानूनी तरीके से काटा गया है। एक तरफ वनविभाग के अधिकारी पेड़ों की कटाई के लिए यहां के ग्रामीणों को ज़िम्मेदार ठहरा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ ग्रामीणों का कहना है कि, यह पूरी कटाई वन अधिकारियों की देख-रेख में करवाई गई है। 

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