छत्तीसगढ़ में एक बार फिर धान और किसान का मुद्दा गरमाता जा रहा है। 1 नवंबर से शुरू हुई धान खरीदी अब भी जारी है, जो 31 जनवरी तक चलेगी। कांग्रेस ने धान खरीदी में गड़बड़ी को लेकर सभी जिलों में निगरानी समिति का गठन कर दिया है। वहीं दूसरी ओर बीजेपी कांग्रेस को उसके शासनकाल में धान खरीदी की याद दिला रही।
क्या होगा समिति का काम?
बता दें, कांग्रेस की निगरानी समिति प्रदेश भर के सभी धान खरीदी केंद्र की निगरानी करेगी। किसानों की कितनी धान बेची जा रही है। समर्थन मूल्य मिल रहा है या नहीं, धान खरीदी में कोई गड़बड़ी तो नहीं इन सब की निगरानी करेगी। यूं तो पूरे चुनाव के दौरान धान और किसान का मुद्दा गरमाया रहा। लेकिन भाजपा की सरकार बनने के बाद एक बार फिर धान खरीदी को लेकर सियासत गर्म है।
सियासी दल आमने-सामने
पीसीसी चीफ दीपक बैज का कहना है हमने निगरानी समिति बनाई है ताकि भाजपा के लोग कोई गड़बड़ी न करें। वहीं बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष किरण सिंहदेव(CG News) ने कहा कांग्रेस अपना काम करें, हम तो पारदर्शिता के साथ धान खरीदी कर रहे हैं। कांग्रेस तो किसानों का रकबा काट देती थी, उसका प्रति फल भी उनको मिल गया है।
छत्तीसगढ़ की सियासत में धान और किसान का मुद्दा हमेशा प्रभावी होता है। धान खरीदी के बीच एक बार फिर धान खरीदी में गड़बड़ी को लेकर सियासी दल आमने-सामने हैं। हालांकि अब देखना होगा क्या कांग्रेस की निगरानी समिति किसानों को न्याय दिला पाती है।
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