परमेश्वर राजपूत, गरियाबंद/छुरा- आईएसबीएम विश्वविद्यालय छुरा गरियाबंद द्वारा गोकुल प्रसाद को प्राणीशास्त्र विषय के अंतर्गत गुफा विज्ञान में "इंपैक्ट ऑफ एक्सटर्नल इकोसिस्टम इन द इंटर्नल इकोसिस्टम ऑफ फुलझर केव गरियाबंद छत्तीसगढ़ इंडिया : ए कंपैरिजन ऑफ बायोटिक एंड एबायोटिक कंपोनेंट"विषय पर डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान किया गया है।
शोधार्थी ने बताया कि यह विषय बहुत ही रोचक है तथा बहुत कम लोग गुफा विज्ञान जैसे विषय में पीएचडी करते है। गुफा अध्यन के दौरान गुफा में पाए जाने वाले जीव जंतु, गुफा की पारिस्थितिकी का अध्ययन एवं उनका संरक्षण करना है। वर्तमान समय में लोगो का प्रकृति के प्रति झुकाव होते जा रहा है। इसे देखते हुए गरियाबंद जिले का फुलझर अच्छा पर्यटन का स्थल बन सकता है। इस शोधकार्य को पूर्ण करने में उनके शोध निर्देशक डॉ. जयंत बिस्वास जो की गुफा वैज्ञानिक है उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
ज्ञात हो कि गोकुल प्रसाद वर्तमान में आईएसबीएम विश्वविद्यालय नवापारा (कोसमी) छुरा, गरियाबंद छत्तीसगढ़ में सहायक प्राध्यापक प्राणीशास्त्र के पद पर कार्यरत हैं। उन्हें पीएचडी उपाधि मिलने पर उनके परिवारजनों, मित्रों तथा आईएसबीएम विश्वविद्यालय के कुलाध्यक्ष, कुलपति, कुलसचिव, अकादमिक अधिष्ठाता, अनुसन्धान एवं विकास प्रकोष्ठ अधिष्ठाता, छात्र कल्याण अधिष्ठाता, विभागाध्यक्षों, प्राध्यापकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए शुभकामनाएँ दी है।
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