अयोध्या : अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर तैयारियां जोरशोर से चल रही हैं। परिवहन व्यवस्था को लेकर भी खास इंतजाम किए गए हैं। तो वहीं सुरक्षा को लेकर अयोध्या नगरी सीसीटीवी कैमरों से लैस हो रही है। बता दें कि हिंदू संगठनों और बीजेपी की सरकार ने 22 जनवरी का दिन दिवाली की तरह मनाने का आग्रह किया है। इस दिन देश के सभी मंदिरों में दीप जलाकर खास पूजन होगा। साथ ही घरों में रामलला का पूजन कर स्वागत किया जाएगा।
आपको बता दें कि जब अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की नींव रखी गई तो किसी को भी यकीन नहीं था कि रामभक्त इस कदर दान करेंगे कि उसके ब्याज के पैसे से ही मंदिर का पहला तल बनकर तैयार हो जाएगा। जानकारी के मुताबिक आपको बता दें कि अब तक श्रीराम मंदिर के समर्पण निधि वाले अकाउंट में ही अब तक 3200 करोड़ रुपए आ चुके हैं।
ट्रस्ट की उम्मीद से ज्यादा दान मिला
आपको जानकर यह हैरानी होगी कि राम मंदिर ट्रस्ट ने अनुमान लगया था कि पूरे देश के 11 करोड़ लोगों से 900 करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा था। लेकिन दिसंबर 2023 तक भगवान राम मंदिर के निर्माण के लिए करीब 5 हजार करोड़ से अधिक दान प्राप्त हो चुका है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की मानें तो राम मंदिर निर्माण के लिए अब तक करीब 18 करोड़ रामभक्तों ने भारतीय नेशनल बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा के खाते में करीब 3,200 करोड़ रुपए समर्पण निधि जमा की है। ट्रस्ट ने इन बैंक खातों में आए दान के पैसे की एफडी करा दी थी, जिससे मिलने वाले ब्याज से ही मंदिर के वर्तमान स्वरूप तक का निर्माण हो गया है।
बापू ने दिया सबसे अधिक दान
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि बन रहे राम मंदिर के अब सबसे अधिक दान अध्यात्मिक गुरु और कथावाचक मोरारी बापू ने दिया है। वहीं मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बताया जा रहा है कि मुरारी बापू ने करीब 11.3 करोड़ रुपए का दान दिए हैं। इसके अलावा, अमेरिका, कनाडा और यूनाइटेड किंगडम में स्थित उनके अनुयायियों ने सामूहिक रूप से अलग से 8 करोड़ रुपए का दान दिया है।
सबसे पहले किस देश से आया था विदेशी चंदा?
अयोध्या स्थित रामलला के मंदिर के लिए सबसे पहला विदेशी चंदा अमेरिका से आया था। अमेरिका में बैठे एक राम भक्त (नाम जाहिर नहीं) ने पहले दान के रूप में 11 हजार रुपये मंदिर ट्रस्ट को भेजे थे।
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