प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के सबसे बड़े समुद्री पुल को तोहफा आज मुंबई को देंगे. इस 22 किलोमीटर लंबे पुल से मुंबई से नवी मुंबई की दूरी तय करने में महज 20 मिनट लगेंगे. इसके उद्घाटन के बाद लोगों का दो घंटे का सफर मात्र 20 मिनट में तय होगा. इस पुल का पूरा नाम अटल बिहारी वाजपेई शिवडी न्हावाशेवा अटल सेतु (एमटीएचएल) है.
दरअसल भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर इसका नाम अटल सेतु रखा गया है. ये देश का सबसे लंबा समुद्री ब्रिज होगा, जिसकी लंबाई 21.8 किलोमीटर होगी. ये 6 लेन वाला रोड ब्रिज है. इस पुल का 16.5 किलोमीटर हिस्सा मुंबई के समुद्र के ऊपर और 5.5 किलोमीटर हिस्सा जमीन के ऊपर बना है. पिछले गुरुवार को कैबिनेट की बैठक में एमटीएचएल की टोल की दरों को महाराष्ट्र सरकार की मंजूरी मिल गई है. जानकारी के मुताबिक यह पुल सिर्फ कार चालकों के लिए होगा.
मुंबई से नवी मुंबई को जोड़ेगा यह पुल
महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने बताया कि यह ब्रिज मुंबई से नवी मुंबई को आपस में जोड़ेगा, जिससे दोनों के बीच की दूरी को सिर्फ 20 मिनट तय किया जा सकेगा. समुद्र पर बने देश के सबसे लंबे पुल पर सफर पूरा करने वाले कार चालकों को 250 रुपये टोल चार्ज लिया जाएगा.
दो घंटे का सफर मात्र 20 मिनट में होगा पूरा
22 किलोमीटर लंबे इस पुल पर वाहनों की आवाजाही शुरू होने के बाद मुंबई से नवी मुंबई का सफर केवल 20 मिनट में पूरा करना संभव हो जाएगा. अटल सेतु से मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट और नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बीच तेज़ कनेक्टिविटी के साथ साथ पुणे, गोवा और दक्षिण भारत का सफर भी कम समय में तय कर सकेंगे.
प्रोजेक्ट पर 21,200 करोड़ रुपये खर्च
दो शहरों की दूरी कम करने वाले इस प्रोजेक्ट पर 21,200 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं, जिनमें 15,100 करोड़ रुपए कर्ज के तौर पर लिए गए हैं. इस पुल की शुरूआत साउथ मुंबई के सेवरी से होगी और एलिफेंट द्वीप के उत्तर में ठाणे क्रीक को पार करके और न्हावा के पास चिरले गांव में खत्म होगी.
टोल पर बवाल
एमएमआरडीए की तिमाही (जनवरी-मार्च, 2023) की रिपोर्ट में कार के लिए टोल की रकम 240 रुपये रखने का इरादा बना था. इस संदर्भ में जापान इंटरनैशनल कॉपरेशन एजेंसी (जीआईसीए) को रिपोर्ट भी भेजी गई थी. कैबिनेट की बैठक से पहले आदित्य ठाकरे ने भी ट्वीट करके एमटीएचएल को टोल फ्री रखने की मांग की थी. हालांकि महाराष्ट्र सरकार ने 250 रुपये टोल का निर्णय लिया.
पुल की खासियत
किन धातुओं का हुआ प्रयोग
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