तिल्दा के कुछ लोग पाल कछार तरबूज फसल लगाने के लिए मिली जगह का उपयोग अवैध रेत खनन के लिए करते हुए राजस्व नुकसान पहुचाने में लगे हैं

तिल्दा के कुछ लोग पाल कछार तरबूज फसल लगाने के लिए मिली जगह का उपयोग अवैध रेत खनन के लिए करते हुए राजस्व नुकसान पहुचाने में लगे हैं

गोलू कैवर्त ब्यूरो हेड बलौदाबाजार  : कसडोल विधानसभा के तहसील लवन अंतर्गत ग्राम पंचायत तिल्दा में लगभग सैकड़ों किसानों को महानदी  पाल कछार में तरबूज फसल लगाने के लिए 10 साल के  राजस्व विभाग तहसील लवन ने पट्टा जारी किए गए हैं।जिसमें से कुछ किसानों के द्वारा तरबूज फसल के लिए उपयोग करने के स्थान पर रेत की अवैध खनन करवाने में लगे हैं जिससे रोजाना  प्रशासन को हजारों लाखों की  राजस्व की क्षति पहुँच रहा है।जिसको प्रशासन को समय रहते रोक लगाते हुए जारी पट्टे को निरस्त करने की कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए जिससे अवैध रेत खनन, परिवहन का कारोबार रुक सकता है लेकिन तहसील विभाग के जिम्मेदार अधिकारी, कर्मचारियों के सुस्त रवैया के चलते रेत खनन में लगे तस्करों के हौसले बुलंद हैं जिसका खामियाजा प्रशासन को लाखों की नुकसान से रोजाना भरपाई करना पड़ रहा है।रेत से भरी बिना पिटपास वाली ट्रैक्टरो के चलने से प्रशासन द्वारा बनाए गए डोंगरीडीह -तिल्दा,तिल्दा-डोंगरा पक्की सड़क बदहाल स्थिति को प्राप्त कर जगह जगह गड्ढे में तब्दील हो रहा है इससे शासन प्रशासन को दुगुना नुकसान से रोजाना समझौता करने में विवश है तो सिर्फ कर्तव्य से भागने वाले तहसील के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के सुस्त रवैया के कारण है।आपको आगे बताते चलें कि जिन किसानों को पाल कछार के जमीन लीज पर मिला है उनमें से गिने चुने किसानों के द्वारा यह गोरखधंधा को अंजाम दिया जा रहा है उक्त गोरखधंधा में गॉव के बालिग एवं नाबालिग लड़को को रोजी रोटी का  लालच देकर अपने साथ गोरखधंधा में शामिल कर उनसे रेत मजदूरी से खनन कर गॉव एवं बाहर के आने वाले ट्रैक्टरो से प्रति ट्रैक्टर हजार रुपए तक अवैध वसूली करने का मामला प्रकाश में आया है दिनभर में ट्रैक्टर की संख्या सैकड़ों में पहुंच जाती है ऐसे में वसूली की कीमत का आंकलन किया जाए तो प्रति दिवस लाखों रुपये का खेल रेत की अवैध खनन में जारी है।

ग्राम जनप्रतिनिधियों की उदासीनता भी गोरखधंधा को बढ़ावा देने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।तिल्दा डोंगरीडीह पक्की सड़क मार्ग में  अवैध रूप से ओवर लोडिंग रेत भरी ट्रैक्टरो के चलने से सड़क खराब हो रही है ,खराब होने पर सड़क मरम्मत के लिए कोई झांकने तक नहीं आता है ऐसे में यू ही  अवैध रूप से रेत भरी ट्रैक्टर चलता रहा तो कोई भी सरकार सत्ता में आए सड़क बनाने की दिशा में पहल नहीं करेगा, सैकड़ों वर्षों बाद मुश्किल से तिल्दा डोंगरीडीह मार्ग पक्की सड़क के रूप में अस्तित्व  में आया है यदि सड़क खस्ताहाल हुआ तो फिर सैकड़ों साल जो हाल हुआ था वही अवस्था में फिर सड़क की स्थिति देखने को मिलेगा।वही लवन तहसील कभी भी अपने कर्तव्यों के प्रति जुझारू पन रेत की अवैध खनन एवं परिवहन पर ध्यान नहीं दिये हैं जिससे रेत खनन करवाने वाले किसानों एवं ट्रैक्टर चालकों के हौसले बुलंद हैं।






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