देश का आम बजट पेश होने की तारीख नजदीक आ रही है। एक फरवरी को केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारण देश का बजट पेश करेंगी। सभी वर्गों के लोग अपने लिए इसमें कुछ न कुछ राहत की उम्मीद लगाए बैठे हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि यह बजट चुनाव को देखकर बनाया गया होगा क्योंकि कुछ महीने बाद ही देश में लोकसभा के चुनाव होने हैं। केंद्र सरकार का सालाना बजट बहुत ही महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इससे प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से देश का हर तबका प्रभावित होता है। इससे सरकार की आगे की योजनाओं के बारे में पता चलता है। बजट पूरे साल का लेखा- जोखा होता है जो यह बताता है कि सरकार अपनी कमाई कहां और कैसे खर्च करेगी।
बजट से देश की आर्थिक प्रगति बहुत प्रभावित होती है। आयकर आनी इनकम टैक्स के बारे में तो आपको पता ही होगा। लेकिन क्या आपको पता है कि इनकम टैक्स की शुरुआत कब हुई थी। इनकम टैक्स सरकार की कमाई का बड़ा स्रोत है। लोगों की कमाई पर सरकार कुछ प्रतिशत का टैक्स लगाती है। इसके लिए अलग-अलग स्लैब निर्धारित हैं। यानी यह कमाई के हिसाब से लगाया जाता है। बजट के दौरान नौकरीपेशा लोगों की नजर सबसे ज्यादा इसी बात पर रहती है कि क्या सरकार इनकम टैक्स में कुछ छूट देगी या इसे बढ़ाएगी।
आजादी के पहले और बाद का पहला बजट
बता दें कि भारत में पहला बजट आजादी से पहले पेश किया गया था। यह बजट 7 अप्रैल 1960 को पेश किया गया था। इसे ईस्ट इंडिया कंपनी के स्कॉटिश अर्थशास्त्री जेम्स विल्सन ने पेश किया गया था। तभी से इनकम टैक्स की शुरुआत हुई। वहीं आजादी के बाद भारत के पहले बजट की बात करें तो यह 26 नवंबर 1947 को पेश किया गया था। पहला बजट तत्कालीन वित्तमंत्री आरके शनमुखम चेट्टी ने पेश किया था।
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