कसडोल : बाल्मिकी आश्रम एवं आदिशक्ति माता तुरतुरिया के पावन भूमि में पूष पुन्नी को प्रति वर्ष होने वाली वृहद मेला का आयोजन इस वर्ष भी चाक चौबंध ब्यवस्था के साथ हुआ। पहले जमाने में मेला के समय पशु बलि प्रथा जोरों पर होती थी इसे रोकने के लिये गुरू अगमदास जमाने के राजमहंत स्व.सुनदरलाल कोसरिया जी ने तुरतुरिया में लगभग 45 साल पहले श्वेत जैतखाम स्थापित कर मेला में जनमानस को पशु बलि रोकने प्रेरणा देते थे उसे पुनर्जीवित कर उनके पुत्र राजमहंत पी एल कोसरिया ग्राम सपोस ने नये रुप से जैतखाम बनाया जिसमें मेला के दिन पालो चढाया जा रहा है इसी कडी में आज कसडोल एवं पिथोरा क्षेत्र के समाज जनों व राजमहंतो की गरिमामयी उपस्थिति में आरती चौका मंगल भजन के साथ पालो चढाया गया।मौके पर राजमहंत पी के घृतलहरे ,राजमहंत पी एल कोसरिया ,राजमहंत सी आर टंडन,मोहर साय अजय,मोहरसाय चेलक ,विनोद चेलक,ब्रीजदास डहरिया,अमरदास बांधे,छबिलाल कोसरिया ,गोपीलाल कोयल,तरूवर कोसरिया, लक्ष्मीदास,अमरदास ,सरपंच बबीता किशोर बघेल,सुलोचनी कोसरिया,सुमन,लता,नीरा सहित भारी संख्या में लोग शामिल रहे।दैवी शक्ति आस्था के इस मेल में पशु बलि की कुरीतियों को बंद करने के लिये एक जागरूकता अभियान के रुप में राजमहंतो का एक सराहनीय पहल है।
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