गणतंत्र दिवस 2024 : भारत की सैन्य ताकत से नारी शक्ति के पराक्रम तक... विविधता के साथ आधुनिकता का संगम, ऐसा रहा गणतंत्र दिवस परेड

गणतंत्र दिवस 2024 : भारत की सैन्य ताकत से नारी शक्ति के पराक्रम तक... विविधता के साथ आधुनिकता का संगम, ऐसा रहा गणतंत्र दिवस परेड

गणतंत्र दिवस के मौके पर कर्तव्य पथ पर अलग-अलग राज्यों की झाकियां निकाली गईं. हर झांकी की थीम उस राज्य की विविधता को दर्शाते हुए तैयार की गई. झारखंड की झांकी की थीम 'तसर सिल्क' था, तो मध्य प्रदेश की झांकी के जरिए 'आत्मनिर्भर महिला-विकास का मंत्र' दिया गया. झांकियों के साथ हर पारंपरिक नृत्य भी देखने को मिला. इस साल कर्तव्य पथ पर कुल मिलाकर 16 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की झाकियां निकाली गईं. 

गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के जरिए राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराकर हुई. इसके बाद राष्ट्रगान गाया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ सहित वहां मौजूद सभी गणमान्य लोगों ने झंडे को सलामी दी. इसके बाद कर्तव्य पथ पर परेड की शुरुआत हुई, जिसमें सबसे पहले भारत की सांस्कृतिक विविधता, एकता एवं प्रगति, बढ़ती स्वदेशी क्षमताओं के दम पर इसकी सैन्य शक्ति और देश में बढ़ती नारी शक्ति को प्रदर्शित किया गया.

सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि भारत के जरिए पिछले एक साल में हासिल की गई उपलब्धियों को भी झांकियों के जरिए दिखाया गया. चंद्रयान-3 की सफलता से लेकर भारत में बढ़ रही आधुनिकता को दिखाने वाली झांकियां कर्तव्य पथ से होकर गुजरीं.

किस राज्य की क्या थी झांकियों की थीम? 

अरुणाचल प्रदेश की झांकी का थीम 'बुगुन समुदाय रिजर्व-विकसित भारत' रहा. इसमें राज्य की जैव विविधता को दिखाया गया. 

हरियाणा की झांकी का 'मेरा परिवार-मेरी पहचान' रही. ये हरियाणा सरकार का एक प्रोग्राम है. इसके साथ ही हरियाणा का पारंपरिक डांस भी देखने को मिला. 

मणिपुर की झांकी की थीम 'थम्बल गी लंगला-कमल धागे' थी, जिसमें नारी शक्ति का प्रदर्शन किया गया. इसमें एक मार्केट का भी जिक्र किया गया.

'आत्मनिर्भर महिला-विकास का मंत्र' के साथ मध्य प्रदेश की झांकी निकाली गई, जिसमें राज्य की महिलाओं का आत्मनिर्भर और प्रगतिशील रवैया दिखाया गया.

'विकसित भारत में महिला सशक्तिकरण' के साथ कर्तव्य पथ पर ओडिशा की झांकी आई. इसमें राज्य समृद्ध हस्तशिल्प उपलब्धियों को दर्शाया गया है.

छत्तीसगढ़ की झांकी की थीम 'बस्तर मुरिया दरबार की आदिम जन संसद' था. इसमें आदिवासी समुदायों में मौजूद पारंपरिक लोकतांत्रिक मूल्यों को दर्शाया गया.

राजस्थान की झांकी 'विकसित भारत में-पधारो म्हारे देश' थीम के साथ लोगों के बीच आई. इस झांकी के जरिए राजस्थान के त्योहारों को दिखाया गया. 

गणतंत्र दिवस परेड में महाराष्ट्र की झांकी 'भारतीय लोकतंत्र के लिए प्रेरण: छत्रपति शिवाजी महाराज' थीम के साथ निकाली गई. 

आंध्र प्रदेश की झांकी की थीम 'आंध्र प्रदेश में स्कूली शिक्षा में बदलाव से छात्रों को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना' रहा. 

लद्दाख की झांकी कर्तव्य पथ पर 'विकसित भारत: लद्दाख की यात्रा में रोजगार के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाना' थीम के साथ परेड करने निकली. 

तमिलनाडु की झांकी की थीम 'प्राचीन तमिलनाडु में कुदावोलाई प्रणाली-लोकतंत्र की जननी' रहा, जिसमें लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं की बात की गई. 

कर्तव्य पथ पर गुजरात की झांकी को 'धोर्डो: गुजरात के सीमा पर्यटन का एक वैश्विक प्रतीक' थीम के साथ लाया गया. यहां पारंपरिक नृत्य भी देखने को मिला. 

मेघालय की झांकी की थीम 'मेघालय का समृद्ध पर्यटन' रहा, जिसमें बताया गया कि राज्य में घूमने वाली जगहें कौन सी हैं. 

झारखंड की झांकी कर्तव्य पथ पर 'झारखंड का तसर सिल्क' थीम के साथ आई. इसमें सिल्क की समृद्धता को दर्शाया गया. 

उत्तर प्रदेश की झांकी 'अयोध्याः विकसित भारत-समृद्ध विरासत' के साथ पेश किया गया. झांकी पर रामलला भी दिखाई दिए. 

तेलंगाना की झांकी का थीम 'जमीनी स्तर पर लोकतंत्र: तेलंगाना के स्वतंत्रता सेनानियों की विरासत' था. 

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