रेलवे में लैंड फॉर जॉब मामले में बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी की मुश्किलें बढ़ गई हैं. प्रवर्तन निदेशालय की चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री राबडी देवी, मीसा भारती ,हेमा यादव, हृदयानंद चौधरी, अमित कत्याल और दो कंपनियों के खिलाफ लिया समन जारी किया है. कोर्ट ने इन्हें 9 फरवरी को पेशी पर बुलाया है. राबड़ी देवी समेत बाकियों को कोर्ट की ओर से यह समन ऐसे समय में जारी किया गया है बज बिहार में सियासी घमासान मचा हुआ है.
प्रवर्तन निदेशालय इस कथित घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच करते हुए हाल ही में चार्जशीट फाइल की थी. ED ने चार्जशीट में रावड़ी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव, ह्रदयानंद चौधरी के साथ-साथ दो कंपनियों को भी आरोपी बनाया गया है. ED ने इस मामले में 4751 पेज की चार्जशीट दाखिल की है.
व्यवसायी अमित कात्याल के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट
कोर्ट ने व्यवसायी अमित कात्याल के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट भी जारी किया है. कात्याल फिलहाल इस मामले में न्यायिक हिरासत में हैं. ईडी की चार्जशीट पर सुनवाई करते हुए राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने आदेश पारित करते हुए कहा, संज्ञान लेने के लिए पर्याप्त आधार हैं.
14 साल पुराना है मामला
दरअसल, यह मामला 14 साल पुराना है. इस मामले में आरोप है कि तत्कालीन रेल मंत्री रहते हुए लालू प्रसाद यादव ने रेलवे में नौकरी के बदले जमीन ली थी. देश में यूपीए की सरकार थी तब लालू प्रसाद यादव 2004 से 2009 तक रेल मंत्री थे. आरोपों को लेकर सीबीआई ने 18 मई 2022 में केस दर्ज किया था.
पहले सब्स्टीट्यूट के तौर पर हुई थी भर्ती
सीबीआई की ओर से दर्ज केस के मुताबिक, रेलवे में ग्रुप डी के पदों पर नौकरी के लिए पहले सब्स्टीट्यूट के तौर पर भर्ती किया गया फिर उनसे जमीन ट्रांसफर करवाने के बाद उनकी नौकरी पक्की कर दी गई.सीबीआई की ओर से दर्ज मामले के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था और जांच शुरू करते हुए चार्जशीट फाइल की थी.
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