झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम दिल्ली में उनके आवास पर उनसे पूछताछ करने के पहुंची हुई है. ED की टीम ने हेमंत सोरेन के घर से कई अहम दस्तावेज बरामद किए, जिन्हें ED का एक अधिकारी लेकर घर से निकल गया है. हेमंत सोरेन को केंद्रीय एजेंसी ने अब तक 10 समन भेजे हैं. ईडी ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर ये तय करने को कहा था कि 29 से 31 जनवरी के बीच कब पूछताछ की जाए.
पहले की तरह ईडी ने फिर लिखा कि अगर वह बयान दर्ज कराने नहीं आएंगे, तो वह खुद उनके पास आएगी. जमीन घोटाला मामले में ईडी सीएम हेमंत सोरेन से एक बार पूछताछ कर चुकी है. उसके 8वें समन के बाद सीएम सोरेन इस मामले में पहली बार पूछताछ के लिए राजी हुए थे. हालांकि, वह खुद ईडी के ऑफिस में हाजिर नहीं हुए थे. सीएम ने बयान दर्ज कराने के लिए ईडी के अधिकारियों को मुख्यमंत्री आवास बुलाया था. ईडी की टीम ने हेमंत सोरेन की शर्तें मान ली थीं और 20 जनवरी को पूछताछ के लिए सीएम आवास पहुंच गई.
20 जनवरी को ईडी ने सीएम हेमंत सोरेन से करीब 7-8 घंटे तक पूछताछ की थी. फिर भी उसकी पूछताछ पूरी नहीं हुई थी. एजेंसी की टीम मुख्यमंत्री से एक बार फिर से पूछताछ करना चाहती थी यही वजह थी कि उनको फिर से समन किया गया था.
ईडी ने हेमंत सोरेन को कब-कब भेजे गए समन
दसवां समनः 27 जनवरी को भेजा गया. बयान दर्ज कराने के लिए 29-31 जनवरी तक का समय दिया गया. ये पूछताछ रांची में होनी थी, लेकिन इसी बीच हेमंत सोरेन दिल्ली आ गए और ED उनके दिल्ली के आवास 5/1 शांति निकेतन पहुंची हुई है.
क्या है जमीन और खनन घोटाला?
हेमंत सोरेन सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं. वह लगातार ईडी के समन को लेकर बीजेपी पर हमलावर रहे हैं. उनका आरोप रहा है कि बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार झारखंड में उनकी सरकार को अस्थिर करने के लिए जांच एजेंसियों का उपयोग कर रही है. सोरेन को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 50 के तहत जमीन घोटाला मामले से संबंधित कथित धन शोधन की जांच के संबंध में 10 समन जारी किए गए. जांच एजेंसी दो प्रमुख मामलों की जांच की जा रही है, जिसमें राज्य की राजधानी में अवैध खनन और जमीन घोटाला शामिल है.
जमीन घोटाले का मामला सेना के कब्जे वाली जमीन की खरीद-बिक्री से जुड़ा हुआ है. फर्जी नाम-पता के आधार पर झारखंड में सेना की जमीन की खरीद-बिक्री हुई. इस सिलसिले में रांची नगर निगम ने एफआईआर दर्ज करवाई गई थी. ईडी ने उसी एफआईआर के आधार पर प्रवर्तन मामले की सूचना रिपोर्ट (ECIR) दर्ज करके जांच शुरू की थी. दस्तावेज में जालसाजी कर जमीन की खरीद-बिक्री के अलावा आदिवासी जमीन पर अवैध कब्जे के सिलसिले में मुख्यमंत्री से पूछताछ के लिए ED की ओर से बार-बार समन भेजा जा रहा था.
जमीन घोटाला मामले में एक भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी और दो व्यापारियों सहित 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. 2011 बैच के आईएएस अधिकारी छवि रंजन को गिरफ्तार किया गया था, जो राज्य के समाज कल्याण विभाग के निदेशक और रांची के उपायुक्त के रूप में कार्यरत रहे थे. इस महीने की शुरुआत में जांच एजेंसी ने राज्य में कथित अवैध खनन की मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत सोरेन के प्रेस सलाहकार, साहिबगंज जिले के अधिकारियों और एक पूर्व विधायक के परिसरों पर भी छापेमारी की थी. ईडी 2022 से राज्य में अवैध खनन से हुई आय के 100 करोड़ रुपए की जांच कर रही है.
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