बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र शास्त्री ने शनिवार को वाराणसी के ज्ञानवापी मामले को लेकर बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी में नंदी जी प्रकट हो चुके हैं और यह तय है कि भगवान शंकर भी प्रकट होंगे। शास्त्री ने कहा कि अगर आप अदालत के फैसले पर सवाल उठा रहे हैं तो इसका मतलब है कि आप खुद पर भी भरोसा नहीं करते हैं।
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि न्याय प्रणाली स्वतंत्र रूप से काम करती है। अभी ज्ञानवापी पर कोई फैसला आया नहीं है। अदालत ने केवल तहखाना खोलने की अनुमति दी है जहां व्यास परिवार पूजा किया करता था। वह नई दिल्ली में अपनी किताब की लॉन्चिंग के मौके पर बोल रहे थे। शास्त्री ने आगे कहा कि 1992 में इस तहखाने को बंद कर दिया गया था लेकिन शंकर जी निश्चित तौर पर प्रकट होंगे।
व्यास जी के तहखाने में पूजा की अनुमति
वाराणसी की जिला अदालत ने बीती 31 जनवरी को हिंदू पक्ष को ज्ञानवापी परिसर में स्थित व्यास जी के तहखाने में पूजा-अर्चना करने की अनुमति दी थी। मुस्लिम पक्ष ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट और इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। वहीं, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इसमें राष्ट्रपति और देश के मुख्य न्यायाधीश की ओर से दखल दिए जाने की मांग उठाई थी।
हिंदू मंदिर के ऊपर बनाई गई थी मस्जिद
हिंदू पक्ष का दावा है कि ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण मुगल शासक औरंगजेब के शासन के दौरान एक प्राचीन मंदिर के ऊपर करवाया गया था। इसे लेकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की ओर से किए गए ज्ञानवापी मस्जिद के एक सर्वे में भी इसी तरह के संकेत मिलते हैं। बता दें कि यह व्यास जी का तहखाना पिछले 32 साल से बंद था। ज्ञानवापी मस्जिद का एक हिस्सा प्रसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर से सटा हुआ है।
मुस्लिम पक्ष का इसे लेकर क्या कहना है
व्यास जी के तहखाने में पूजा को लेकर जमात-ए-इस्लामी हिंद के उपाध्यक्ष मोहम्मद सलीम ने कहा है कि अजीब घटनाएं हो रही हैं और इससे भरोसा टूट रहा है। अदालत भी यही देख रही है कि किस ओर लोग ज्यादा हैं और वो लोग क्या सोच रहे हैं। उन्होंने कहा था कि यह हमारे देश और लोकतंत्र की कमजोरी को प्रदर्शित करता है। मुस्लिम पक्ष ने यहां पूजा करने पर रोक लगाने की मांग उठाई है।
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