आयकर विभाग में जल्द होगी बंपर भर्ती, CBDT चेयरमैन ने खाली पदों को लेकर दिया बड़ा अपडेट

आयकर विभाग में जल्द होगी बंपर भर्ती, CBDT चेयरमैन ने खाली पदों को लेकर दिया बड़ा अपडेट

देश में टैक्सपेयर्स का लेखा-जोखा करने वाला आयकर विभाग कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में 10 से 12 हजार पोस्ट खाली हैं, इनमें ज्यादातर पद सी ग्रेड के हैं। इन पदों पर जल्द ही नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होगी। यह बात रविवार को केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के चेयरमैन नितिन गुप्ता ने न्यूज एजेंसी से पीटीआई से कही। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर करदाता रिटर्न फाइलिंग में सही जानकारी देंगे और बैंक डिटेल सही भरेंगे तो रिफंड में बिल्कुल भी देरी नहीं होगी।

सीबीडीटी चेयरमैन ने कहा कि आयकर विभाग में कर्मचारियों की कमी को दूर करने के लिए नियुक्ति के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। वर्तमान में आईटी डिपार्टमेंट में 55 हजार के आसपास कर्मचारी हैं।

न्यू टैक्स रिजीम में आ सकते हैं 60% टैक्सपेयर 
उन्होंने कहा कि जनवरी तक 8.5 करोड़ रिटर्न दाखिल हुए हैं, इनमें 8.2 करोड़ वित्त वर्ष 2023-24 के लिए हैं। रिफंड अटकने की वजह होती हैं। कई बार रिटर्न के आंकड़े और बैंक खाता संख्या में सही जानकारी नहीं दी जाती है। कुछ बैंकों के मर्जर से IFSC कोड बदल चुके हैं। अगर टैक्सपेयर सही जानकारी दें और बैंक डिटेल सही भरें, तो रिफंड में देरी नहीं होगी। 28 जनवरी, 2024 तक 3.62 करोड़ केस में 2.75 लाख करोड़ रु. रिफंड लौटाया गया। इसके अलावा सीबीडीटी चेयरमैन ने कहा कि न्यू टैक्स रिजीम में 60 फीसदी टैक्सपेयर्स के शामिल होने की उम्मीद है।

टैक्स डिमांग वापस लेने से मिलेगी राहत: CBDT 
नितिन गुप्ता ने के मुताबिक, इस बजट में 25 हजार रुपए तक की टैक्स मांग को वापस लेने के फैसले से टैक्सपेयर्स को 1 लाख रु. तक की राहत मिलने उम्मीद है। इससे उन करदाताओं को फायदा होगा, जिन्हें 1 साल से ज्यादा अवधि के लिए टैक्स डिमांड नोटिस मिले हैं। इस ऐलान का उद्देश्य 80 लाख करदाताओं को राहत देना है। ऐसी करीब 1.11 करोड़ डिस्प्यूटेड डिमांड हैं और कुल टैक्स डिमांड 3,500-3,600 करोड़ रु. है।

बजट भाषण में वित्त मंत्री ने क्या कहा था? 
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट (Budget 2024) भाषण में कहा था कि 2009-10 तक 25,000 रु. और वित्त वर्ष 2010-11 से 2014-15 तक 10,000 रुपए तक की बकाया टैक्स डिमांड को वापस लिया जाएगा। बड़ी संख्या में ऐसी छोटी-छोटी कर मांग अकाउंट्स में पेंडिंग हैं। उनमें से कई डिमांड तो 1962 से भी पुरानी हैं। इससे ईमानदार करदाताओं को मुश्किल होती है और रिफंड की परेशानी आती है।

 

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