रायपुर : IPS संतोष सिंह ने रायपुर SP की कमान संभाल ली है। आज दोपहर पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे SP संतोष सिंह की पुलिस अफसरों ने अगुवाई की, वहीं जवानों ने सलामी दी। चार्ज लेने के तुरंत बाद ही SP संतोष सिंह एक्शन में दिखे, उन्होंने पुलिस अधिकारियों की बैठक ली और राजधानी के लॉ एंड आर्डर को लेकर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को दो टूक निर्देश दिये हैं, कि राजधानी में पुलिस का खौफ अपराधियों में दिखना चाहिये। आपको बता दें कि एक दिन पहले ही बिलासपुर एसपी से संतोष सिंह का तबादला रायपुर SP के रूप में हुआ है। 2011 बैच के IPS संतोष सिंह कम्युनिटी पुलिसिंग के लिए पूरे प्रदेश भर में चर्चित हैं। नशा के खिलाफ उनका अभियान “निजात” सिर्फ छत्तीसगढ़ ही नहीं, बल्कि देश-दुनिया में सुर्खियों में रहा है। उन्हें निजात के लिए पिछले साल ही अमेरिका के इंटरनेशनल एसोसिएशन आफ चीफ आफ पुलिस आर्गनाइजेशन ने IACP इंटरनेशनल अवार्ड से नवाजा था।
7 जिलों के रह चुके हैं SP
तेज तर्रार और स्मार्ट पुलिसिंग के लिए चर्चित संतोष सिंह अब तक 7 जिलों के एसपी रह चुके हैं, 8वें जिले के रुप में वो राजधानी रायपुर के SP बने हैं। नक्सल क्षेत्र के दो जिलों में भी वो बतौर एसपी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। रायपुर से पहले वो बिलासपुर, कोरबा, राजनांदगांव, कोरिया, रायगढ़, महासमुंद, नारायणपुर और कोंडगांव के एसपी रह चुके हैं। यही नहीं वो बतौर ट्रेनी IPS सुकमा में एडिश्नल एसपी और दुर्ग में सीएसपी रह चुके हैं।
यूपी के रहने वाले हैं IPS संतोष सिंह
2011 बैच के IPS संतोष सिंह यूपी के रहने वाले हैं। पिता अशोक सिंह पत्रकार थे, जबकि माता लक्ष्मी देवी हाउस वाइफ। संतोष सिंह की ज्यादातर पढ़ाई यूपी से ही हुई है। बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) से उन्होंने ग्रेजुएनशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री ली। पोस्ट ग्रेजुएशन में जहां संतोष सिंह गोल्ड मेडलिस्ट थे, तो वहीं ग्रेजुएशन में वो BHU के यूनिवर्सिटी टॉपर थे। UGC NET-JRF क्वालीफाई संतोष सिंह ने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) नई दिल्ली से अंतर्राष्ट्रीय संबंध विषय पर M.Phill किया है। अभी भी संतोष सिंह की पढ़ाई का सिलसिला थमा नहीं है। अभी भी वो पीएचडी कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र शांति निर्माण कार्य पर अभी उनका शोध चल रहा है।
कई अवार्ड से नवाजे जा चुके हैं
IPS संतोष सिंह ने सोशल पुलिसिंग के लिए काफी काम किया है। फिर चाहे वो रायगढ़ में हेलमेट अभियान हो, या फिर कोरिया, राजनांदगांव और बिलासपुर में समाज बदलने वाला उनका “निजात” अभियान। उनके प्रयास से जहां समाज बदला, तो वहीं उनकी इस ख्याति को देश-दुनिया ने भी स्वीकार किया। उन्हें कई राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय अवार्ड मिल चुके हैं। महासमुंद एसपी रहते बच्चों के साथ दोस्ताना पुलिसिंग के लिए उन्हें उप राष्ट्रपति के हाथों चैंपियन आफ चेंज अवार्ड दिया जा चुका है।साथ ही महासमुंद में सर्वाधिक बच्चों को आत्मरक्षा के लिए प्रशिक्षित करने का वर्ल्ड रिकार्ड भी उनके नाम दर्ज है। रायगढ़ एसपी रहते, उनकी संवेदना अभियान काफी चर्चित रही। रायगढ़ में कोरोना काल के दौरान जिले की पुलिस ने एक दिन में 12.37 लाख मास्क लोगों में वितरित कर नया रिकार्ड बनाया था। उन्हें इस अभियान के लिए FICCI स्मार्ट पुलिसिंग अवार्ड एंड इंडिया पुलिस अवार्ड के नवाजा जा चुका है। नशे के खिलाफ उनके निजात अभियान के लिए पिछले साल ही अमेरिका के इंटरनेशनल एसोसिएशन आफ चीफ आफ पुलिस आर्गनाइजेशन ने IACP इंटरनेशनल अवार्ड से नवाजा था। यही नहीं उनके चलाये निजात अभियान को हाल ही में देश के 30 सर्वश्रेष्ठ स्मार्ट पुलिसिंग के लिए गृह मंत्रालय ने चयनित किया है।
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