छत्तीसगढ़ के पारंपरिक परिवेश से सराबोर नजर आया माहौल
परमेश्वर राजपूत, गरियाबंद/छुरा : छत्तीसगढ़ की धार्मिक सांस्कृतिक परंपराओं में जो सबसे अहम परंपरा माने जाते हैं उनमें मेला मड़ाई का सामूहिक एक सराहनीय आयोजन है, इस आयोजन में न केवल सामाजिक लोग एक दूसरे से मेल मिलाप करते हैं बल्कि आध्यात्मिक व पारम्परिक दृष्टि से ग्राम के समस्त देवी देवता व आस पड़ोस के गांवों से आमंत्रित समस्त देवी देवता एक साथ एक दूसरे से मेल मिलाप भी करते हैं इनके लिए वहां एक सुनिश्चित स्थान मड़ाई भाठा पर जहां मड़ाई मेला रखने की परंपरा होती है जहां मड़ाई बिहाने का कार्यक्रम होता है और मड़ाई बिहाने के कार्यक्रम के पश्चात मेला अपना भव्य रूप लेता है जहां पर मड़ाई देवता को एक विशेष प्रकार के सजावट के साथ तैयार किया जाता है जिसे कंदाई मड़ाई कहा जाता है अलग अलग गांव से ग्राम्य देव के प्रतीकात्मक स्वरुप बैरक लाया जाता है जिसे समस्त ग्रामीण व यादव समाज के द्वारा बाजे गाजे के साथ पूरे गांव का भ्रमण कराते हैं । यह जो कार्यक्रम होता है वह विवाह संपन्न होने की खुशी में मड़ाई मेला रूप में सुंदर सा आयोजन होता है जो आसपास से आए ग्रामीणों व रहवासियों के लिए खुशी का पर्व होता है, ठीक ऐसे ही खुशी के पर्व में ग्राम टेंगनाबासा में मड़ाई मेला महोत्सव का आयोजन हुआ जो अपने आप में एक एतिहासिक हुआ । जहां छुरा अंचल के तमाम रहवासियों ने अपनी सहभागिता के साथ मड़ाई मेला कार्यक्रम का आनंद लिए यहां क्षेत्रभर से आए मेला के छोटे-बड़े दुकानदारों ने भव्य दुकान सजाया हुआ था जहां बच्चों के लिए विशेष आकर्षण के केन्द्र राईचुली, जमपींग, सेटअप, गुब्बारे, खिलौने व लोग अपने-अपने मन मुताबिक खाद्य सामग्री वेशभूषा, श्रृंगार की सामग्री और घरेलू उपयोग की सामग्री खरीदते नजर आए।
इसी कड़ी में गांव में आयोजित मुख्य मंच पर आसपास से आए समस्त अतिथियों का आगंतुकों का विधिवत स्वागत सत्कार व उद्बोधन का कार्यक्रम पूरे दिन चला और रात्रि कालीन मनोरंजन के कार्यक्रम के लिए गरियाबंद जिला के सुप्रसिद्ध लोक संस्कृति कला मंच रंग सरोवर की मनमोहक प्रस्तुति ने क्षेत्र से आए विशाल दर्शक दीर्घा का मन मोह लिया। रात्रि कालीन विषेश कार्यक्रम में अतिथि के रुप में जनपद पंचायत छुरा से क्षेत्रीय सदस्य नीलकंठ ठाकुर, युवा मोर्चा मंडल छुरा उपाध्यक्ष सुजल कोठारी, ग्राम पटेल बुढ़़हान सिंह ठाकुर मड़ाई मेला समिति से चमन लाल सिन्हा, बिजूराम ध्रुव हरीराम सिन्हा, सूराज सोरी, फूलसिंह ध्रुव, महेन्द्र सिन्हा, रिझे राम यादव,हुमन सिन्हा, परमेश्वर सिन्हा, बलवान ध्रुव होमश उमेश कमलेश, समेत ग्राम समिति व बालसमाज के सभी साथी सहभागी रहे।
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