मनोरंजन जगत से हाल ही में एक बड़ी खबर सामने आई है। खबर है कि नेशनल फिल्म अवार्ड्स में कई बदलाव किए गए है। इसमें से एक बदलाव ये भी किया गया है कि अब पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और दिवंगत एक्ट्रेस नरगिस दत्त के नाम से नेशनल फिल्म अवॉर्ड नहीं दिया जाएगा। इसके अलावा भी कई पुरस्कारों में फेरबदल किया गया है। आइए एक-एक करके आपको बताते हैं कि किन-किन पुरस्कारों में क्या-क्या बदलाव किए गए हैं।
नेशनल फिल्म अवॉर्ड की कैटेगरी से हटा इंदिरा गांधी-नरगिस दत्त का नाम
सबसे पहले बात करते हैं राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में हुए फेरबदल की। तो बता दें कि नेशनल अवॉर्ड में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और दिवंगत एक्ट्रेस नरगिस दत्त के नाम का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। सूचना और प्रसारण मंत्रालय की कमेटी के विचार विमर्श के बाद ये फैसला लिया गया है कि नरगिस दत्त पुरस्कार की बजाय इस सम्मान को अब समाजिक, राष्ट्रीय और समाजिक मूल्यों का बढ़ावा देने के मद्देनजर से 'बेस्ट फीचर फिल्म अवॉर्ड्स' से जाना जाएगा। वहीं अब 'डायरेक्टर के बेस्ट डेब्यू फिल्म के लिए इंदिरा गांधी अवॉर्ड' का नाम बदलकर 'डायरेक्टर की बेस्ट डेब्यू फिल्म' कर दिया गया है।
इन पुरस्कारों में भी हुए बदलाव
वहीं राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के अलावा दादा साहब फाल्के पुरस्कार में भी बदलाव किए गए है। दादा साहब फाल्के पुरस्कार के लिए नकद पुरस्कार को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 15 लाख रुपये कर दिया गया है। वहीं विभिन्न श्रेणियों में स्वर्ण कमल पुरस्कारों के लिए राशि बढ़ाकर 3 लाख रुपये और रजत कमल विजेताओं के लिए 2 लाख रुपये कर दी गई है। वहीं पुरस्कार के लिए जो राशि पहले निर्माता और निर्देशक के बीच बांट दी जाती थी, वह अब केवल निर्देशक के पास जाएगी।इन सबके अलावा बेस्ट ऑडियोग्राफी, जिसमें तीन उप-श्रेणियां शामिल होती थीं उसे अब सर्वश्रेष्ठ साउंड डिजाइन के रूप में जाना जाएगा। पुरस्कार राशि को भी 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दिया गया है, जिससे साउंड डिजाइनर को पुरस्कृत किया जाएगा।
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