रायपुर : देश के प्रतिष्ठित पद्म सम्मान के लिए राज्य से 12 नाम गए हुए थे। जिसमें से एक नाम छग के प्रख्यात पुरातत्वविद पद्मश्री अरुण कुमार शर्मा का था। उन्हें 2017 में पद्मश्री देने की घोषणा की गई थी। लेकिन अब पुरातत्विक सलाहकार रहे पद्मश्री डॉ अरुण कुमार का 92 साल की उम्र में निधन हो गया है। लंबे समय से बीमार चल रहे थे।
राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के दिन खुश हुए थे
आपकी जानकारी के लिए बता दें, पद्मश्री डॉ अरुण कुमार की मांग पर अयोध्या के रामजन्म भूमि की खुदाई करने का काम किया गया था। इसके साथ ही उन्होंने विवादित ढांचे के प्रकरण के लिए उच्च न्यायालय में विश्व हिन्दू परिषद की ओर से आयोजित की गई प्रतियोगिता में योगदान दिया था। अहम बात यह है कि, अयोध्या की जंग जीतने के बाद जब 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम हुआ, उस वक्त वे बेहद खुश नजर आए थे। उनके जन्म की बात की जाए तो वे 1933 में इस पावन धरती पर आए थे और 2017 में उन्हें भारत सरकार ने पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित किया था।
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