राम नाम का गोदना बनवाकर जगा रहे भक्ति की अलख

राम नाम का गोदना बनवाकर जगा रहे भक्ति की अलख

रायपुर, 08 मार्च 2024 : पूरे शरीर में राम नाम का गोदना, सिर पर मोरपंख का मुकुट धारण किए और राम नाम लिखा वस्त्र पहनकर रामभक्ति की अलख जगाते रामनामी लोगों में रामभक्ति की अनोखी परंपरा है। ऐसे ही अनुयायियों का दल राजिम कुंभ मेला में पहुंचा है।

सारंगढ़, बिलाईगढ़, जांजगीर-चांपा और बलौदाबाजार जिले से लगभग 18 रामनामी आए हुए हैं, जिसमें तीन महिलाएं और पुरूष शामिल हैं। इनके सिर पर मोर पंख लगा हुआ मुकुट है, जिसके नीचे में राम-राम लिखा हुआ है। श्री कौशल भारतीय ने बताया कि इस पंथ को मानने वाले अपने पूरे शरीर में राम-राम का गोेदना बनवाते हैं, लेकिन अब केवल माथे पर ही राम-राम लिखा होता है, जिसे शिरोमणी कहते हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 1975 में इस संस्था का पंजीयन हुआ था। उस समय रामनामी पंथ को मानने वालों की संख्या 27 हजार से अधिक थी, अब यह धीरे-धीरे कम होती जा रही है।

ऐसा माना जाता है कि रामनामी संप्रदाय को मानने वाले लोगों के रोम-रोम में राम बसते हैं। इसीलिए अनुयायियों के पूरे शरीर में रामनाम का गोदना बना होता हैं। उनका कहना है कि प्रत्येक मानव में राम का वास होता है। इसलिए हम उन्हें राम-राम कहकर संबोधित करते हैं और भगवान श्रीराम को याद करते हैं। इस पंथ को मानने वालों में 40 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों को ही स्वीकार किया जाता है। इनका पूरा जीवन राम के लिए समर्पित होता है। राम नाम को ही अपने जीवन का एकमात्र आधार मानते हैं और उनके प्रति अपने श्रद्धा-भक्ति से अपने पूरे शरीर में राम नाम का गोदना गुदवाकर प्रकट करते हैं। हर समय ये राम नाम का जाप करते हैं। इनके पांच प्रमुख प्रतीक होते हैं शरीर पर राम नाम, घुंघरू बजाना, मोर पंख से बना मुकुट पहनना, सफेद कपड़ा धारण कर और भजन कीर्तन से वे सृष्टि के कण-कण में राम को देखते हैं।

You can share this post!


Click the button below to join us / हमसे जुड़ने के लिए नीचें दिए लिंक को क्लीक करे

Comments

  • No Comments...

Leave Comments