परमेश्वर राजपूत, गरियाबंद / छुरा: नगर के आमापारा मे स्व. लतेल राम यादव एवं स्व घांसी राम यादव की पुण्य स्मृति में आयोजित नौ दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का सोमवार को तुलसी वर्षा, गीता सार व परीक्षित मोक्ष की कथा के साथ समापन हुआ। इस दौरान आयोजक परिवार द्वारा भव्य शोभायात्रा भी निकाली गई कथा वाचक पंडित रत्नेश राम मिलन पांडेय महराज ने समापन अवसर पर हवन-पूजन किया। उन्होंने बताया कि श्रृंगी ऋषि के श्राप को पूरा करने के लिए तक्षक नामक सर्प भेष बदलकर राजा परिक्षित के पास पहुच उन्हें डंस लेता है और जहर के प्रभाव से राजा का शरीर जल जाता है ,उकसी मृत्यु हो जाती है। वहीं श्रीमद्भागवत कथा सुनने के प्रभाव से राजा परीक्षित को मोक्ष प्राप्त होता है। पिता की मृत्यु को देखकर राजा परीक्षित के पुत्र जन्मेजय क्रोधित होकर सांप को नष्ट करने आहुतियां यज्ञ में डलवाना शुरू कर देते हैं, जिनके प्रभाव से संसार के सभी सांप यज्ञ कुंडों में भस्म होना शुरू हो जाते हैं, तब देवता सहित सभी ऋृषि मुनि राजा जन्मेजय को समझाते हैं और उन्हें ऐसा करने से रोकते हैं। समापन अवसर पर आयोजक यादव परिवार सहित नगर के लोगों ने खुलकर दान दक्षिणा भी की गई।
कथा श्रवण से पापों का होता है नाश
भगवताचार्य ने कहा कि कथा श्रवण से जन्म जन्मांतरों के पापों का नाश होता है और विष्णुलोक की प्राप्ति होती है। कहा कि संसार में मनुष्य को सदा अच्छे कर्म करना चाहिए, तभी उसका कल्याण संभव है। माता-पिता के संस्कार ही संतान में जाते हैं। संस्कार ही मनुष्य को महानता की ओर ले जाता है। श्रेष्ठ कर्म से ही मोक्ष की प्राप्ति संभव है। अहंकार मनुष्य में ईष्या पैदा कर अंधकार की ओर ले जाता है। उन्होंने कहा कि श्लोक कर्मण्ये वाधिकारस्ते मा फलेसु कदा चनिः। मनुष्य को सदा सतकर्म करना चाहिए। बाकि सब ईश्वर पर छोड़ देना चाहिए।
यज्ञहवन, कपीलातर्पण एवं भंडारे के साथ कथा हुआ समापन
आयोजक परिवार ने आगन्तुक सभी स्रोतागण, नगरवासियों को भन्डारा प्रसाद ,वस्तुदान कर यज्ञ हवन के साथ पुर्णाहूती कर श्रीमदभगवद महापुराण यज्ञ का समापन किया।इस अवसर पर आयोजक श्रीमती फुलकंवर यादव,हरीश यादव, तेजस्वी यादव,परीक्षित यशवंत यादव,अंगेशवर(कुसुम)यादव,
तिलेश्वर यादव एवं परिवार की माताओं बहनों ने सभी नगर एवं क्षेत्रवासीयों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
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