चैत्र नवरात्र के सप्तमी तिथि को की गई माता कालरात्रि की पूजा

चैत्र नवरात्र के सप्तमी तिथि को की गई माता कालरात्रि की पूजा

 

किरन्दुल : लौहनगरी किरंदुल में इन दिनों नवरात्रि पर्व की धूम है।नगर के आस्था का प्रमुख केंद्र श्री राघव मन्दिर में चैत्र शुक्ल सप्तमी तिथि सोमवार को मां दुर्गा की सातवीं शक्ति कालरात्रि की आराधना की गई।प्रधान पुजारी सत्येंद्र प्रसाद शुक्ल द्वारा जानकारी दी गई कि माता का सातवां स्वरूप कालरात्रि के नाम से जानी जाती है।मां कालरात्रि का स्वरूप देखने में अत्यंत भयानक है, लेकिन ये सदैव शुभ फल ही देने वाली हैं। इसी कारण इनका एक नाम शुभंकरी भी है। उनके साक्षात्कार से मिलने वाले पुण्य का वह भागी हो जाता है। दानव, दैत्य, राक्षस, भूत, प्रेत आदि इनके स्मरण मात्र से ही भयभीत होकर भाग जाते हैं। ये ग्रह-बाधाओं को भी दूर करने वाली हैं।  इस दिन साधक का मन सहस्त्रार चक्र में होता है। मां के इस स्वरूप को अपने हृदय में अवस्थित कर साधक को एकनिष्ठ भाव से उनकी अराधना करनी चाहिए।

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