नवरात्रि के आठवें दिन माता महागौरी की पूजा की जाती है। नवरात्रि की अष्टमी तिथि को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है और कई लोग इस दिन कन्या पूजन भी करते हैं। माता महागौरी अपने भक्तों को सुख और ऐश्वर्य प्रदान करती हैं। नवरात्रि के दौरान अष्टमी तिथि को कैसे आपको माता महागौरी की पूजा करनी चाहिए और इनकी पूजा से कैसे फल आपको प्राप्त होते हैं, आइए विस्तार से जानते हैं।
माता महागौरी पूजा विधि
देवी दुर्गा की आठवीं शक्ति माता महागौरी को प्रसन्न करने के लिए आपको नवरात्रि के आठवें दिन प्रात:काल जल्दी उठकर स्नान ध्यान कर लेना चाहिए। संभव हो तो इस दिन श्वेत वस्त्र धारण करें और माता को भी सफेद रंग के कपड़े अर्पित करें। पूजा की शुरुआत आपको 'या देवी सर्वभूतेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:' मंत्र से करनी चाहिए। पूजा के दौरान आपको मोगरे के फूल, या सफेद रंग के फूल माता को अर्पित करने चाहिए। इसके बाद माता को रोली कुमकुम लगाना चाहिए। इसके बाद मिठाई, फल, काले चने माता को भोग के रूप में अर्पित करने चाहिए। तत्पश्चात आप दुर्गा सप्तशती का पाठ कर सकते हैं। अंत में माता की आरती आपको करनी चाहिए।
अष्टमी तिथि कन्या पूजन मुहूर्त
अगर कन्या पूजन भी अष्टमी के दिन ही करने वाले हैं तो साल 2024 में 16 अक्टूबर को कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 56 मिनट से दोपहर 12 बजकर 47 मिनट तक है। इस दौरान विधि-विधान से आपको कन्याओं की पूजा करनी चाहिए।
अष्टमी तिथि के दिन माता के इन मंत्रों का करें जप
माता महागौरी को प्रसन्न करने के लिए आप उनके मंत्रों का जप भी अष्टमी तिथि के दिन कर सकते हैं। इन मंत्रों का जप आप पूजा के दौरान भी कर सकते हैं और पूजा के बाद भी। मंत्र नीचे दिए गए हैं।
श्वेत रूप धरा देवी ईश्वरी वृष वाहना।।
ओम देवी महागौर्यै नमः।
माता महागौरी की पूजा से भक्तों को सुख और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। इस दिन कन्याओं को अगर आप भोजन करवाते हैं, उनकी सेवा करते हैं और उपहार देते हैं तो माता के आशीर्वाद से आपके जीवन में खुशियां आती हैं। इसके साथ ही माता लक्ष्मी की कृपा भी आपको प्राप्त होती है। इस दिन मंत्रों का जप करना अतिउत्तम होता है, मंत्रों के जप से आपको मानसिक और शारीरिक सुख की प्राप्ति होती है। अगर संभव हो तो माता के भक्तों को इस दिन माता के किसी मंदिर भी अवश्य जाना चाहिए और वहां सामर्थ्य अनुसार दान करना चाहिए।
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