आज चैत्र नवरात्र का नौवां दिन है। नवरात्रि के नौवें दिन देवी दुर्गा के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। कमल पर विराजमान होने के कारण इन्हें माँ कमला भी कहा जाता है। मां सिद्धिदात्री भगवान विष्णु की अर्धांगिनी है। सिद्धिदात्री, नाम से ही स्पष्ट है सिद्धियों को देने वाली। कहते हैं इनकी पूजा से व्यक्ति को हर प्रकार की सिद्धि प्राप्त होती है। देवी सिद्धिदात्री सुख समृद्धि और धन की प्रतीक हैं। कहा जाता है कि देवी सिद्धिदात्री में संसार की सारी शक्तियां हैं। देवी सिद्धिदात्री ने मधु और कैटभ नाम के राक्षसों के अत्याचार को समाप्त करके दुनिया का कल्याण किया था। माना जाता है कि- भगवान शिव ने भी मां सिद्धिदात्री की कृपा से ही सिद्धियों को प्राप्त किया था और इन्हीं की कृपा से भगवान शिव अर्द्धनारीश्वर कहलाये।
विशिष्ट सिद्धियों की प्राप्ति के लिए आज सिद्धिदात्री की पूजा अवश्य ही करनी चाहिए। साथ ही इस अति विशिष्ट मंत्र का 21 बार जप भी करना चाहिए। मंत्र है- 'ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ऊँ ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा।'
नवमी के दिन मां सिद्धिदात्रि को अर्पित करें ये चीजें
आज चैत्र नवरात्रि का नौवां दिन है। नवरात्रि में नवमी पूजा का विशेष महत्व होता है। आज मां सिद्धिदात्रि को खीर, पूड़ी, चना, हलवा, नारियल और मौसमी फल का भोग जरूर लगाएं। ऐसा करने से मां सिद्धिदात्रि आपकी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करेंगी।
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