आबकारी घोटाला : गिरफ्तार रिटायर्ड आईएएस अनिल टुटेजा को नही मिली राहत,कोर्ट ने दो दिन की न्यायिक रिमांड पर भेजा जेल

आबकारी घोटाला : गिरफ्तार रिटायर्ड आईएएस अनिल टुटेजा को नही मिली राहत,कोर्ट ने दो दिन की न्यायिक रिमांड पर भेजा जेल

रायपुर :  आबकारी घोटाले मामले में गिरफ्तार रिटायर्ड आईएएस अनिल टुटेजा की एक दिन की न्यायिक रिमांड पूरी होने के बाद वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कोर्ट में पेश किया गया. मामले में सुनवाई के दौरान डिस्ट्रिक जज ने टुटेजा को 2 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेजने का फैसला सुनाया है. अब PMLA कोर्ट के स्पेशल जज के छुट्टी से वापस आने पर 24 अप्रैल को पेश कर रिमांड लेने के डिस्ट्रिक जज (डीजे) कोर्ट ने निर्देश दिए हैं.

बता दें कि शनिवार को ईडी ने ACB/EOW ऑफिस से अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश टूटेजा को समन देकर अपने साथ पुछताछ के लिए अपने साथ लेकर जोनल ऑफिस चली गई थी. जहां दोनों से लंबी पुछताछ के बाद अलसुबह यश टुटेजा को छोड़ दिया लेकिन अनिल टुटेजा को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेशकर 14 दिन की रिमांड मांगी थी लेकिन रविवार छुट्टी होने के कारण लगे हॉलीडे कोर्ट में पेश किया गया. जहां ईडी ने अनिल टुटेजा से ईडी द्वारा आबकारी घोटाले मामले में दर्ज की गई फ्रेश ECIR में पूछताछ करने लिए 14 दिन की ईडी रिमांड मांगी थी. दोनों बचाव और ईडी के वकीलो की बहस सुनने के बाद JMFC कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखने के बाद देर शाम अनिल टुटेजा को एक दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया.

अनिल टुटेजा की गिरफ्तारी के पांच कारण

ईडी ने अनिल टुटेजा की गिरफ्तारी की पांच वजह बताई है. जो इस प्रकार हैं. 1. साक्ष्यों को नष्ट होने से बचाना 2. इस अपराध में शामिल अन्य लोगों/आरोपियों से आमने सामने पूछताछ करना 3. अपराध से अर्जित आय का पता करना 4. गवाहों को प्रभावित करने से रोकना 5. सिंडिकेट में शामिल अन्य लोगों की पहचान करना.

सोलह पन्नों में है गिरफ्तारी का ब्यौरा

प्रवर्तन निदेशालय ने करीब सोलह पन्नों में गिरफ्तारी के आधार के रूप में कथित शराब घोटाला में अपराध क्या था, अपराध कैसे हुआ और उसमें अनिल टुटेजा की भूमिका क्या है. ये सारी बातें बताई गई है. ईडी ने इसमें यह आरोप लगाया है कि अनवर ढेबर जिसने कि यह कथित शराब घोटाला सिंडिकेट बनाकर किया. उस सिंडिकेट को सबसे बड़ी ताकत अनिल टुटेजा से मिलती थी. प्रवर्तन निदेशालय ने अनिल टुटेजा को कथित शराब घोटाला सिंडिकेट का “आर्किटेक्ट ऑफ लिकर स्कैम” बताया है. ईडी के अनुसार अनिल टुटेजा इस सिंडिकेट के सर्वोच्च शक्ति और नीति नियंत्रक थे.









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