आजादी के 75 वर्ष बाद भी नहीं बदली विशेष पिछड़ी भुंजिया जनजातियों की तस्वीरें 

आजादी के 75 वर्ष बाद भी नहीं बदली विशेष पिछड़ी भुंजिया जनजातियों की तस्वीरें 

परमेश्वर राजपूत,गरियाबंद/छुरा :  मामला गरियाबंद जिले के विकासखंड छुरा अंतर्गत ग्राम पंचायत कोठीगांव के खलियापानी का है। जो छत्तीसगढ़ के अंतिम छोर और उड़ीसा राज्य की सीमा से लगा हुआ है जहां से उड़ीसा सीमा महज एक किलोमीटर पड़ता है। इस गांव में लगभग 14-15 विशेष पिछड़ी भुंजिया जनजातीय परिवार निवासरत रहते हैं और आज भी पारंपरिक तरीके से जीवन यापन करते हैं।

    वहीं इस गांव में आज भी गर्मी के दिनों में पानी की विकट समस्या देखने को मिलती है एक नलकूप है जिसमें सौर ऊर्जा से चलित टंकी भी लगा हुआ है लेकिन नलकूप में पानी कम होने के कारण कुछ घंटे चल पाता है फिर पानी बंद हो जाता है जिसके चलते उनके अपने द्वारा खोदे गए कुंए में अभी भी कुछ पानी बचा रहता है उसी को निकाल कर गुजारा करते हैं। और आज भी यहां तक पहुंचने के लिए पक्की सड़क नहीं बन पाया है और नहीं गांव की गलियों में पक्की सीमेंट की सड़कें हैं बारिश के दिनों कीचड़ से सरोबोर गलियों में चलने मजबूर होते हैं।

अगर हम इन जनजातियों की वनाधिकार पट्टे की बात करें तो वनाधिकार पट्टा शासन से मिल तो गया है लेकिन वे विभाग के अधिकारियों के द्वारा उसका मुवायना कराने से उनके जमीन का नंबर दुसरे गांव का निकलता है जिसके सुधार के लिए ये सालों से कलेक्टर कार्यालय के चक्कर काटने मजबूर हैं लेकिन सुधार नहीं हो पाया है। वहीं हम प्रधानमंत्री आवास योजना की बात कहें तो पंद्रह परिवार में मुश्किल से तीन चार परिवारों को इसका लाभ मिल पाया है और बाकि परिवार आज भी इस योजना से वंचित हैं। और आज भी जिस जगह ये लोग झोपड़ीनुमा घर बनाकर अपने कई पिढ़ियों से निवासरत हैं उनका पट्टा भी अभी तक नहीं मिल पाया है और कुछ लोगों के द्वारा उनकी इस निवासरत जमीन को अपना बताकर खाली करने हेतु झगड़ा कर परेशान भी किया जाता है।

वहीं हमारे द्वारा इस गांव के विशेष पिछड़ी जनजाति के महिला सुमित्रा बाई,मालती बाई,दुलारा बाई,पील बाई,अनेशी बाई,भुंजिया से बात करने पर बताया कि हम अपने पिछले कई पिढ़ियों से यहां निवासरत हैं सरकार और प्रशासन से हम यही चाहते हैं कि हमारे लिए यहां पानी हो, गांव तक पक्की सड़क और गली में सीसी रोड, वनाधिकार पट्टे का सही नंबर सुधार हो और सरकार के आवास योजना का लाभ मिल जाए तो हमारे बच्चे भी सही रूप से रहकर हम सब एक अच्छी जीवन यापन कर सकते हैं।

उन्होंने ये भी कहा कि हमने कभी इन समस्याओं को बताया नहीं ऐसा भी नहीं है हर पांच साल में चुनाव होता है नेता, जनप्रतिनिधि के साथ सरपंच और सचिव को भी अवगत कराते हैं लेकिन चुनाव से पहले ये आश्वासन जरुर मिलता है कि इस बार चुनाव के बाद हो जाएगा लेकिन उसके बाद इस गांव तक कोई नहीं पहुंचते।

   इस संबंध में पंचायत के सरपंच कहते हैं कि मैंने इनकी समस्याओं के लिए कई बार शासन स्तर के अधिकारी कर्मचारियों को भी अवगत कराया लेकिन जब स्वीकृति मिले और फंड जारी तो हम कुछ कर पायेंगे और अभी कुछ दिन पहले क्षेत्र के विधायक जनक ध्रुव भी इस गांव पहुंचे थे जिसे पानी की समस्याओं से अवगत कराए हैं जिसे जल्द दुर करते का आश्वासन दिया गया है वहीं एक बार समग्र विकास योजना के तहत इस गांव में सीसी रोड का स्वीकृति मिला था लेकिन अभी तक कार्य आदेश और फंड जारी नहीं हुआ, फिर भी हम अपने स्तर पर पुरा प्रयास करते हैं कि इन जनजातियों की समस्याएं दूर हो। वहीं इस गांव की महिलाओं की मानें तो पंचायत के सरपंच और सचिव उनकी इन समस्याओं को ध्यान नहीं देते और नहीं उनके बीच पहुंचते हैं और समस्याएं जस की तस बनी हुई है।

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