गोलू कैवर्त संभाग प्रमुख छत्तीसगढ़ बलौदाबाजार : कसडोल विधानसभा के तहसील एवं पुलिस थाना लवन अंतर्गत ग्राम पंचायत तिल्दा पिछले कुछ महीने से कई मामलों में सुर्खियां बटोर रही है जिनमें से एक मामला निजी भूमि के नाम पर एक व्यक्ति द्वारा सरकारी भूमि पर एयरटेल कम्पनी का मोबाईल टॉवर लगवाकर कर कम्पनी से लाखों का मुआवजा सहित हर महीने किराये वसूलने के लिए धोखाधड़ी कर शासन प्रशासन को चुना लगाने का योजना बनाकर टॉवर लगवा लिया था जिसको लवन के प्रेस क्लब अध्यक्ष गोलू कैवर्त के मीडिया कर्मियों के टीम ने बेनकाब करते हुए लगातार खबर प्रकाशित कर शासन प्रशासन के संज्ञान में लाया और जांच कार्रवाई का आदेश जारी करवाया जिस पर तहसीलदार लवन के निर्देश पर नायाब तहसीलदार निशा वर्मा ने पटवारी मोहन सिन्हा को तिल्दा भेजकर स्थल जांच पंचनामा रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया जिस पर जांच में प्रथम दृष्टया टॉवर लगवाने वाले व्यक्ति द्वारा धोखाधड़ी कर लाखों रुपये डकारने का खुलासा हुआ है।स्थल जाँच पंचनामा रिपोर्ट के दौरान गांव का सरपंच सुरेश्वर पैकरा, सचिव धनेश साहू सहित उपसरपंच जनप्रतिनिधी सहित ग्रामीणों के संयुक्त हस्ताक्षर लेकर पंचनामा रिपोर्ट बना है जिसमें धोखाधड़ी करने वाले व्यक्ति ने टॉवर लगी भूमि का पट्टा पेश नहीं कर पाया।जिसके लिए धोखाधड़ी करने वाले व्यक्ति को राजश्व अमला के टीम ने जोरदार फटकार लगाया।
अब सवाल यह भी है जब टॉवर लग रहा था तो एनओसी देने के बाद ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधियों ने स्थल जांच की मांग राजश्व विभाग से क्यों नहीं किये?क्या इस धोखाधड़ी में ग्राम पंचायत जनप्रतिनिधियों में सरपंच या अन्य पंचो की भूमिका भी सवालों के घेरे में है?इतना बड़ा घटना को अंजाम देने वाले व्यक्ति पर ग्राम पंचायत जनप्रतिनिधियों की नजर क्यों नहीं पड़ी?गौरतलब हो कि लवन की निष्पक्ष बेदाग मीडिया कर्मियों ने अपने दायित्वों का सही निर्वहन करते हुए मामले पर लगातार प्रकाश डालकर शासन प्रशासन से कोई चूक न हो का ध्यान आकर्षित कर कार्रवाई के लिए सार्थक पहल कराए जिसके चलते इतने बड़े 420 मामले का भंडाफोड़ सबके सामने आ पाया है।सचिव धनेश साहू ने बताया कि स्थल जांच पंचनामा रिपोर्ट में तिल्दा निवासी नारायण घृतलहरे मोबाईल टॉवर लगी भूमि का पट्टा पेश नहीं कर ,मोबाईल लगी टॉवर भूमि पटवारी रिकॉर्ड में सरकारी भूमि है।मामला में धोखाधड़ी का खुलासा हुआ है।नारायण घृतलहरे के विरुद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज कराए जाने की मांग पटवारी के समक्ष रखे हैं।
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