नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की माता व ग्वालियर राज घराने की राजमाता माधवी राजे सिंधिया का निधन हो गया है। उनका इलाज पिछले दो महीनों से दिल्ली के एम्स में चल रहा था। आज सुबह 9.28 बजे उन्होंने दिल्ली के एम्स में आखिरी सांस ली।
गुरुवार शाम को हो सकता है अंतिम संस्कार
मिली जानकारी के मुताबिक, उनका पार्थिव शरीर दिल्ली में ज्योतिरादित्य सिंधिया के आवास पर लाया गया है। यहां अंतिम दर्शन के लिए पार्थिव शरीर को रखा जाएगा। इस दौरान केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनका परिवार घर पर ही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनका अंतिम संस्कार 16 मई की शाम को किया जा सकता है।
नेपाल के शाही परिवार से था माधवी का नाता
माधवी राजे सिंधिया नेपाल के शाही परिवार से नाता रखती थीं। उन्हें किरण राज्य लक्ष्मी के नाम से भी जाना जाता था। उनके दादा नेपाल के प्रधानमंत्री रहे हैं। साल 1966 में ग्वालियर के महाराजा माधवराव सिंधिया से उनकी शादी हुई थी।
मिली जानकारी के मुताबिक, माधवी की उम्र 70 साल थी। वह अपने बेटे ज्योतिरादित्य का काफी सपोर्ट करती थीं। ज्योतिरादित्य ने जब कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वाइन करने का फैसला किया था तो माधवी ने उनका सपोर्ट किया था।
माधवी के पति और ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता माधवराव सिंधिया का 30 सितंबर 2001 में निधन हो चुका है। इस दौरान माधवी के सक्रिय राजनीति में आने की खबरें उड़ीं लेकिन माधवी ने खुद को राजनीति से दूर ही रखा।
ज्योतिरादित्य के बारे में कहा जाता था कि वह अपनी मां माधवी के मार्गदर्शन के बिना कोई फैसला नहीं लेते थे। ज्योतिरादित्य की पत्नी प्रियदर्शनी भी माधवी का समय-समय पर मार्गदर्शन लेती थीं।
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