राजनांदगांव : संस्कारधानी के रूप में पुन: स्थापित करने के लिए चक्रधर कत्थक कल्याण केन्द्र संगीत महाविद्यालय का अनुठा पहल राजनांदगांव. सिद्धी दात्री देवी एवं नगर की कुलदेवी श्री शीतला माता के समक्ष इक्तीस (31) नवोदित कला साधक अपनी नृत्य के माध्यम से नृत्य समागम के द्वारा अर्पण कर अपनी, अपने परिवार एवं जगत कल्याण के लिए कामना करेंगे। ज्ञात हो प्राचीन भारत में हमारे कला साधक कला गुरू अपनी कला साधना की प्रथम पुष्प देव मंदिरों के देवी, देवताओं को साक्षी मानकर अपनी कला का अर्पण देवालयों में करने का विधान मिलता है। उन्हीं परंपराओं का अनुसरण करते हुए हमारे नव अंकुरित कला साधक नगर की कुलदेवी सिद्धीदात्री माँ श्री शीतला माता के श्री चरणों में अर्पण नृत्य समागम के माध्यम से अपनी नृत्यों का माँ के श्री चरणों में अर्पण करने जा रही है।
आप सादर आमंत्रित है, और नव अंकुरित कला साधकों को अपना शुभ आशीष शुभकामनायें दें ... चक्रधर कत्थक कल्याण केन्द्र के संस्थापक एवं पदम्मविभूषण पं. बिरजू महाराज और प्रो. कल्यादणदास महन्त के शिष्य डॉ. कृष्ण कुमार सिन्हा के कुशल मार्गदर्शन एवं निदेशन में विगत चालीस वर्षो से सेवारत है। शिक्षा, संस्कृति, संस्कार एवं गुरू शिष्य परंपरा के माध्यम से रायगढ़ नरेश राजा चक्रधर सिंह एवं उनके दरबारी नृत्याचार्य प्रो. कल्याण दास महंत के नाम से स्थापित संस्थान प्रदेश व जिले का प्रथम स्नातक संगीत महाविद्यालय के रूप में राष्ट्रीय स्तर में अपनी पहचान बनाया है। उपरोक्त प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से संस्था के तुषार सिन्हा ने दी।
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