गोलू कैवर्त संभाग प्रमुख छत्तीसगढ़ बलौदाबाजार : छत्तीसगढ़ राज्य सुशासन के लक्ष्य को प्राप्त करने एवं प्रभावशील प्रशासनिक व्यवस्था हेतु सूचना एवं संचार प्राद्योगिकी का उपयोग करने में अग्रणी रहा है। वित्त विभाग ने पेपरलेस ऑफिस की अवधारणा को मूर्तरूप दिये जाने 1 जुलाई 2024 से सभी प्रकार के देयकों का प्रस्तुतीकरण, भुगतान एवं लेखे का प्रेषण इलेक्ट्रॉनिक पद्धति से किया जायेगा।कलेक्टर श्रीदीपक सोनी ने वित्त विभाग के वित्त निर्देश के प्रावधानों के संबंध में सभी जिला स्तरीय अधिकारी एवं आहरण- संवितरण अधिकारियों को विस्तृत दिशा-निर्देश दिये। कलेक्टर श्री सोनी ने कहा कि देयकों एवं मासिक लेखे का प्रस्तुतिकरण जल्द ही पेपरलेस हो जायेगा। कोषालयों में 1 जुलाई 2024 से देयकों एवं मासिक लेखे का अनिवार्य रूप से ऑनलाईन प्रस्तुतिकरण किया जाना है। वित्त विभाग ने देयकों का ई-बिल के रूप में प्रस्तुतिकरण किये जाने निर्देश जारी किया है।
जिला कोषालय अधिकारी श्री जी पी घिदौड़े ने देयकों एवं मासिक लेखों के प्रस्तुतिकरण के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया है कि राज्य के सभी कोषालय में देयकों का ई-बिल के रूप में वर्ष 2014 से ऑनलाईन प्रस्तुतिकरण किये जाने के निर्देश जारी किए गए है। वर्तमान में राज्य के सभी कोषालयों में आहरण एवं संवितरण अधिकारियों द्वारा ऑनलाईन तथा ऑफलाईन दोनों माध्यमों से देयकों का प्रस्तुतिकरण किया जा रहा है। लेकिन कुछ कारणों से यह प्रक्रिया सभी प्रकार के देयकों पर लागू नहीं हो पाई। वर्ष 2022 में ऑनलाईन वेतन देयकों को डीएससी के साथ प्रस्तुत करने पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इन्द्रावती कोषालय को चिन्हित किया गया। इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए अप्रैल 2024 से सभी प्रकार के देयकों को राज्य के सभी कोषालयों में ऑनलाईन डिजिटल हस्ताक्षरयुक्त भेजे जाने की व्यवस्था लागू की गई। कुछ अपवादों को छोड़कर सभी कोषालयों में ऑनलाईन तथा ऑफलाईन दोनों माध्यमों से देयकों का प्रस्तुतिकरण किया जा रहा था। उन्होंने बताया कि राज्य शासन द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि 1 जुलाई 2024 से सभी आहरण एवं संवितरण अधिकारी राज्य के सभी कोषालयों में देयकों का प्रस्तुतिकरण सिर्फ ऑनलाईन माध्यम से किया जाए। साथ ही कोषालयों द्वारा महालेखाकार को भेजे जाने वाले मासिक लेखे को ई-लेखे के रूप में भेजा जाये। इस प्रक्रिया के सुचारू रूप से संचालन हेतु यह आवश्यक है कि सभी आहरण एवं संवितरण अधिकारियों के पास नेटवर्क की सही स्पीड, देयकों के साथ अपलोड किये जाने वाले दस्तावेज की स्केनिंग करने हेतु समुचित क्षमता वाला स्केनर तथा अन्य आवश्यक इलेक्ट्रानिक सामग्री की उपलब्धता जरूरी है। साथ ही वैध डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट भी आवश्यक होगा। इस व्यवस्था को लागू करने हेतु सभी विभागों को अधीनस्थ कोषालयों में समुचित व्यवस्था किया जाना सुनिश्चित करने कहा गया है। राज्य के सभी कोषालयों में पेपरलेस माध्यम से देयकों का प्रस्तुतिकरण तथा महालेखाकार कार्यालय को पेपरलेस मासिक लेखे भेजे जाने की प्रक्रिया 1 जुलाई 2024 से प्रारंभ की जानी है। प्रक्रिया शुरू होने पर आहरण एवं संवितरण अधिकारी द्वारा ई-कोष सॉफ्टवेयर में ई-पेरोल तथा ई-बिल माड्यूल में ऑनलाईन माध्यम से देयक तैयार किए जाएंगे तथा डीएससी का उपयोग करने के बाद देयकों को कोषालय को अग्रेषित किया जाएगा।
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