कबीर साहेब के विचारों पर चलकर उदाहरण बने उपदेशक नहीं  : मोरजध्वज देवांगन

कबीर साहेब के विचारों पर चलकर उदाहरण बने उपदेशक नहीं  : मोरजध्वज देवांगन

 

राजनांदगांव  :  भाजपा के युवा व दबंग नेता मोरजध्वज देवांगन ने कहा कि  जेठ पूर्णिमा कबीर साहेब के प्राकट्य उत्सव पर जिले में जगह-जगह विविध कार्यक्रम हुए। कार्यक्रमों की श्रृंखला में रैली निकाली गई उनके उपदेशों को सार्वजनिक किया गया। पूजा अर्चना की गई। चौका आरती के आयोजन हुए। वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया आज के समय में कबीर साहेब के उपदेशों को प्रचारित करने के साथ-साथ उनके विचारों को जीवन में उतरना बहुत ज्यादा जरूरी है। कबीर साहेब आडंबरों के कट्टर विरोधी थे और वही आडंबर आज भी राष्ट्र और समाज में देखने को मिल रहा है। ऐसी स्थिति में यदि आडंबर और उपदेश समानांतर चलते रहे तो कैसे बनेगा। आडंबरों का खत्म होना और विचारों के अनुसार अंदर से पवित्र और सशक्त होना बहुत ज्यादा जरूरी है।

श्री देवांगन आगे कहा कि शहर के बजरंगपुर नवागांव में कबीर जयंती के अवसर पर बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए थे। कबीर अनुवाइयों ने इसे बड़े त्यौहार के रुप मे मनाया। सभी ने बुराइयों के त्याग पर प्रबल दिया। आज देखा जाए तो पहले जो आडंबर और धार्मिक उन्माद देखने को मिलता था वही धार्मिक कट्टरता फिर सर उठा रही है। जो समाज और राष्ट्र के लिए विध्वंसकारी है। कबीर साहब ने मुख्य ग्रंथ बीजक विनय पत्रिका लिखी उनके दोहे आज भी लोगों के जुबान पर होते हैं। खेद जनक बात यह है कि कितने लोग दोहरा चरित्र वाले हो गए हैं कहते कुछ हैं और करते कुछ हैं यह अच्छी बात नहीं है। सच पूछा जाए तो कबीर के सिद्धांत पर अगर समाज और राष्ट्र के तथा विश्व भर के लोग चले तो धरती स्वर्ग बन सकती है लेकिन ऐसे कितने लोग हैं जो कबीर के सिद्धांतों पर चलते हैं। उनके विचारों का अनुसरण करते हैं यह बड़ा प्रश्न है।

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