राजनांदगांव : छत्तीसगढ़ प्रदेश में एक मुख्यमंत्री दो उपमुख्यमंत्री की सरकार बनने के बाद राजनांदगांव जैसे अति संवेदनशील महत्वपूर्ण जिले के डोंगरगढ़ ब्लॉक में अनुविभागीय अधिकारी के तुगलकी आदेश के पश्चात सुनियोजित तरीके से ग्राम पंचायत मुड़पार में आम रास्ते में रखी रेत को लेकर जो खेल हुआ वह अत्यंत चौकाने वाला है। जिसकी चर्चा प्रदेश में खूब हो रही है सबसे बड़ा घोर आश्चर्य तो इस बात को लेकर है कि क्या एसडीएम अपने अनु विभाग में निर्णय लेने के लिए काबिल नहीं और अगर वाकई जो रेत को लेकर पत्र जारी हुआ है। वह आदेश सिर्फ स्वार्थ सिद्धि को लेकर जारी किया गया है और जिसमें लाभ लेना ही महत्वपूर्ण नजर आ रहा है तो क्या ऐसे ना काबिल अधिकारी इसके वजह से भारतीय जनता पार्टी की सांय सरकार की फदीहत हो रही है। यहां तक की प्रशासन के बेलगाम अनियंत्रित सिस्टम को लेकर भी भी राजनांदगांव जिले के बौद्धिक और राजनीतिक वर्ग में भाजपा की सरकार को लेकर अधिकारियों की मनमानी होने की चर्चा सरगर्म है।कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने करोड़ो की जब्त रेत जो सरकारी संपति है को बेचने का आरोप डोंगरगढ़ एसडीएम उमेश पटेल,परिवहनकर्ता प्रतीक अग्रवाल रामाधीन मार्ग राजनांदगांव, लेख राम साहू पर लगाया है।
8 सौ टिप्पर रेत की चोरी की जांच व रेत चोरों के विरूद एफआईआर कांग्रेस नेताओं ने डोंगरगढ़ में अपराध दर्ज करने और राजनांदगांव कलेक्टर को भी जांच एवं अपराध दर्ज करने लिखित शिकायत की गई है। जांच के आदेश और जांच अधिकारी भी तय कर लिया गया है। आखिर इतनी भी क्या जल्दी थी की अधिकारी को खड़े होकर लावारिश रेत उठाने सारे व्यवस्थाओं को झोंक दिया निश्चित रूप से इस बात को लेकर जिस तरह से अधिकारी ने साहस दिखाया है ऐसे अधिकारी कहीं ना कहीं सरकारी सिस्टम को घून लगाने के सिवाय कुछ नहीं करते। जिस कदर से मामले में गर्माहट आई है।प्रदेश सरकार के लिए कहीं ना कहीं सांख पर बट्टा लगाने के लिए यह विषय काफी है दिलचस्प बात तो यह है कि जांच प्रतिवेदन आने के पश्चात आखिर कितने ईमानदारी से जांच की गई है उसकी भी पड़ताल हो जाएगी बहरहाल रेत कांड की आग ठंडी गर्म होती रहेगी। यह विज्ञप्ति शहर जिला कांग्रेस कमेटी के महासचिव नासिर जिंद्रन जी जी ने जारी करी
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