राजनांदगांव : भाजपा सांस्कृतिक प्रकोष्ठ प्रभारी एवं युवा नेता राजेश गुप्ता अग्रहरि ने कांग्रेस द्वारा संविधान की आड़ लेकर अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए किए जा रहे प्रयास को देश की जनता को भटकाने वाला बताते हुए कहा कि बाबा साहेब डा० आंबेडकर द्वारा लिखित संविधान को कांग्रेस मानती ही नहीं है। कांग्रेस का अपना स्वयं का संविधान हैं जिसके चलते उन्होंने डॉ० आंबेडकर लिखित संविधान को सैकड़ों बार संशोधित किया है और अपने मन मुताबिक बदलाव कर संविधान में स्थित मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम, गीता का उपदेश देने वाले भगवान श्री कृष्ण, अहिंसा परमो धर्म कहने वाले भगवान महावीर , भगवान बुद्ध, हिंद की चादर कहलाने वाले सिख गुरु की तस्वीरें हटवा दी है और इसे एक पाकेट बुक बना कर रख दिया है, जिसे लिए- लिए घूम रहे हैं, जो कांग्रेस के दोहरे चरित्र को दर्शाता है।
श्री अग्रहरि ने कहा कि कांग्रेस ने ही, बाबा साहेब के संविधान की हत्या कर सन् 1975 में आपातकाल लगाई और देश के बड़े- छोटे व्यापारी आमजनों नेताओं को जेल में बंद कर लोकतंत्र के चौथे स्त़ंभ समाचार पत्रों पर सेंसरशिप लगा दिया था। और तो और शाहबानो प्रकरण में संविधान के कानून को ही पूरा उलट दिया था भरे संसद में अध्यादेश को फाढ दिया गया था ऐसे कांग्रेसी संविधान के रक्षा की बात कह रहे हैं। कांग्रेस को शुरू से ही बाबा साहेब आंबेडकर का धूर विरोधी बताते हुए भाजपा नेता ने कहा कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू, संविधान निर्माण के लिए ब्रिटेन के एक संविधान विशेषज्ञ अंग्रेज को लाना चाहते थे, लेकिन महात्मा गांधी के कारण उनकी एक न चली, नेहरु की चलती तो आज इस देश का संविधान निर्माता एक अंग्रेज होता। वही अंग्रेज जिसके हम 200 साल तक गुलाम रहे।
श्री अग्रहरि ने कहा कि बाबा साहेब आंबेडकर से हमेशा खार खाए रहने वाले कांग्रेस के प्रमुख नेता जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी जीते-जी अपने आप को भारत रत्न दिलवा दिया। लेकिन संविधान निर्माता बाबा साहेब आंबेडकर को उनके मरने तक भारत रत्न नहीं देने दिया, यह तो भला हो प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जी का जिन्होंने ने भाजपा शासन के समय कांग्रेस द्वारा सताए गए संविधान निर्माता बाबा साहेब आंबेडकर को भारत रत्न दिए जाने का मार्ग प्रशस्त किया। आज वही भाजपा के लोगों को डा० आंबेडकर के लिखित संविधान को बदलने वाला कहा जा रहा है, और संविधान में सैकड़ों बदलाव कर इसे और भी छोटा, पाकेट बुक बना कर लाल किताब की तरह लिए- लिए घूम रहे हैं। बाबा साहेब आंबेडकर द्वारा संविधान में लिखे पंथ निरपेक्ष की जगह धर्म निरपेक्ष शब्द जोड़ कर तथा इस तरह के सैकड़ों संशोधन सहित इस देश के देव तुल्य प्रतिष्ठा मूर्तियों के चित्रों को हटाकर संविधान को लाल किताब के रूप में पाकेट बुक बनाने वाली कांग्रेस संविधान में बदलाव करते-करते बाबा साहेब आंबेडकर का नाम भी बदल दे तो कोई आश्चर्य नहीं होगा जो उसके सत्ता में आने पर यह अवश्य कर सकते है।
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