राजनांदगांव : जेोसीबी दीदी के रूप में पहचानी जाने वाली छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के एक छोटे से गांव खैरझिटी कीें 61 वर्ष की दमयंती सोनी अब जापान जाकर अपनी जौहर दिखाएंगी। मशीनरी वाहन को अपनी अंगुलियों में खिलौनों की तरह नचाने वाली इस महिला को वहां दिसंबर में होने जा रहे एक्सपो के लिए आमंत्रित किया गया है। वे जेसीबी ही नहीं बल्कि, लोडर, टिप्पर, हाईवा जैसे भारी वाहनों के अलावा सभी प्रकार की हाईड्रोलिक गाड़ियां भी कुशलता से आपरेट कर लेतीं हैं। वर्ष 2019 में बैंगलुरू व चेन्नई में इसी तरह के एक्सपो में उन्होंने इस तरह के अलग-अलग माडल वाले मशीनरी वाहनों को आपरेट करने का प्रदर्शन कर बड़ी-बड़ी कंपनियों का दिल जीता था। तभी वहां जापान व अन्य देशों से पहुंची कंपनियों ने उन्हें आमंत्रित किया था, लेकिन आर्थिक तंगी के चलते वे दो बार बुलावे के बाद भी जापान नहीं जा सकीं। एक दिन पहले जनदर्शन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को जब अपनी समस्याएं बताई तो उन्होंने दो टूक में कहा कि आप जापान जाने की तैयारी करें। सारा खर्च राज्य सरकार देगी। उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि अपने बढ़ते कदम को रूकने न दें। इसके बाद अब उन्होंने अपनी तैयारी शुरू करदीहै। वहां वे एक्सपो में जेसीबी जैसी तकनीक वाले मशीनरी वाहनों को आपरेट करने के साथ ही उसके तकनीकी पहलुओं व लाभ के बारे में भी लोगों को बताएंगी। साथ ही कंपनी को अपना अनुभव व सुझाव भी बताएंगी।मैट्रिक तक पढी दमयंती को जेसीबी आपरेटर पति उत्तम कुमार सोनी ने शौकिया तौर पर यह हुनर सिखाया था। वर्ष 2010 में उनके निधन के बाद दमयंती ने स्वयं स्टेयरिंग संभाली और अपनी बेटी और बेटे का न केवल अच्छे से पालन किया, उनकी उच्च शिक्षा भी कराई। उनके पास स्वयं का जेसीबी वाहन है जिसके माध्यम से वह अपनी जीवन-यापन कर रहीं हैं। खेतों की जुताई हो या उसे समतल करना हो, आसपास के गांवों में दमयंती पहली मांग होती है। उन्हें आसपास गांव के लोग जैसीबी दीदी के नाम से ही जानते और बुलाते हैं। पांच साल तक क्षेत्र में जनपद पंचायत सदस्य रह चुकीं दमयंती जूडो-कराटे में भी पारंगत हैं।
बेंगलुरु में हुए दक्षिण एशिया कंस्ट्रक्शन इक्यूपमेंट एक्सपो में आठ देशों के 32 पुरुषों को पछाड़कर बेस्ट आपरेटर का खिताब भी जीता था। यहां उन्होंने टाटा हिताची कंपनी के बैकहो लोडर के सबसे एडवांस वर्जन से महज 1.20 मिनट में लोहे के स्टैंड से फूल माला को उठाकर शहीद की प्रतिमा को पहना सबको चौंका दिया था। इससे प्रभावित होकर जापान के आटो इंजीनियरों ने मार्च 2020 में जापान में प्रस्तावित आटो एक्सपो में दक्षता प्रदर्शन के लिए उन्हें आमंत्रित किया था, लेकिन कोरोना के चलते इसका आयोजन नहीं हो सका।
मुख्यमंत्री साय ने दिया संबल तो जागी आस
दमयंती ने बताया कि उन्हें वर्ष 2020 व 2023 में भी जापान से आमंत्रण मिला था, लेकिन तंगी के चलते वे नहीं जा सकीं। इस बीच कोरोना के कारण उनकी आर्थिक दशा और बिगड़ गई। उनके पास जो जेसीबी मशीन है, वह 13 वर्ष पुरानी हो चुकी है। चलती कम है और खर्च अधिक कराती है। इस कारण उन्होंने इसे वर्षभर से खड़ी कर रखी है। अब मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने संबल दिया है जो जापना जा सकने की आस जागी है। सप्ताहभर बाद उन्हें सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ सीएम हाउस बुलाया गया है। पासपोर्ट व वीजा वहीं से बनवाया जाएगा। उसके बाद दिसंबर में प्रस्तावित एक्सपो में वे भाग ले सकेंगे।



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