राजनांदगांव : भारत सरकार ने अंग्रेजो द्वारा भारतीय नागरिकों के लिए बनाए गए दंड विधान को बदल कर तथा उसे न्याय रूप में भारतीय स्वरूप में ढाल कर एक जुलाई से पूरे देश भर में लागू कर दिया है। इसी तरह प्रदेश के जेलों में एक बदलाव देखने में आ रहा है। छत्तीसगढ़ प्रदेश के गृहमंत्री एवं उप-मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने प्रदेश भर के जेलों में बंद कैदियों को कबीरदास जी के निर्गुनिया भजन सुनाकर उन्हें सद राह पर चलने और समाज का सच्चा नागरिक बनने की दिशा में एक स्तुत्य प्रयास किया है। जेल मंत्री जी इन दिनों प्रदेश भर के जेलों में कबीर दास जी के निर्गुनिया भजन गाने वाले भारती बंधु का कार्यक्रम करवा रहे है। इस क्रम में शुक्रवार 5 जुलाई को जिला जेल में भारतीय बंधु जी का निर्गुनिया भजन गायन का कार्यक्रम आयोजित किया गया। उन्होंने जेल में बंद कैदियों को सम्बोधित करते हुए कहा- *क्या-क्या बनने आए थे*... *क्या बन बैठे*... *तुमसे तो अच्छे परिन्दे है*, *जो कभी मंदिर में तो कभी मस्जिद में जा बैठे*...। भारती जी ने बंदियों को हिन्दू, मुस्लिम, सिख ईसाई से हटकर मानव धर्म अपनाते हुए सच्चा भारतीय बनने की प्रेरणा दी। भारती बंधु ने जेल स्टाफ के लोगों सहित सैकड़ों कैदियों को एक से बढ़कर एक कबीरदास जी के निर्गुनिया भजन व भगवान श्री कृष्ण -राधा के प्रेम रस से सिक्त भजने सुना कर आध्यात्मिक आनंद का सृजन किया।
केंवट से मिले रहिए
भारती बंधु ने अपने 7 लोगों की टीम सहित एक से बढ़कर एक भजनों की प्रस्तुति दी व कैदियों को अपने भजनों के माध्यम से परमपिता परमात्मा से जुड़े रहने की सलाह दी ,जिससे वे न कभी गलत राह में पड़ सकेंगे। उन्होंने कहा कि जब भवसागर से पार उतरनी हो... संसार सागर से पार जाना हो तो उसके लिए सिर्फ एक राह है संसार सागर से पार कराने वाले केवट... अर्थात गुरू या परम गुरू पारब्रहम परमेश्वर से सम्बंध बना कर रखे। केवंट रूपी गुरू कभी भवसागर की नैया को डूबने नहीं देंगे।
इत्र और सुधा
भारती जी ने भगवान श्री कृष्ण और कबीर को इस दुनिया का महान पुरूष व सजग व्यक्तित्व बताते हुए कहा कि दोनों की सोंच प्रगतिवादी रही है। उन्होंने भगवान श्री कृष्ण की प्रिया राधारानी के साथ का एक प्रसंग को उदृघृत करते हुए बताया कि राधा जी अपने प्रियतम श्री कृष्ण का घनघोर बारिश में इंतजार करती खड़ी रही और श्री कृष्ण के आने पर कहा कि कैसे इतनी देर लगा दी। भगवान श्री कृष्ण ने उसे प्यार की थपकी देते हुए कहा कि राधा तुम्हारे प्यार में मिलावट है... राधा ने जब उस मिलावट का रहस्य जाना तो वह कृत्य-कृत्य हो उठी। भगवान ने कहा कि तुम्हारे प्रेम ने इत्र व सुधा की मिलावट है इससे मैं इत्र की तरह महकते रहता हुआ और सुधा पान कर बहकते रहता हूं।
श्री भारती ने राजनांदगांव के सुप्रसिद्ध शायर रहे हस्ती मल "हस्ती" को याद किया और बताया कि हस्ती की के ग़ज़लों को जगजीत सिंह जी गाया करते थे उन्होंने अंजुम रहबर की पत्तियां उद्घृत करते हुए कहा कि आदमी बुरा नहीं होता, परिस्थितियां उसको बुरा बना देती है। श्री भारती ने अपने भजनों में लोगों को पर्यावरण शुद्ध रखने के लिए पेड़ लगाने की ओर प्रेरित किया। इस दौरान विशेष अतिथि के रूप में वरिष्ठ भाजपा नेता अशोक चौधरी, कवि/साहित्यकार एवं लोक कलाधर्मी आत्माराम कोशा 'अमात्य', जेल अधीक्षक अक्षय सिंह राजपूत, अजीम कुरैशी, तारकेश्वर चन्द्रवंशी सहित जेल के पूरे स्टाफ व सैकड़ों की संख्या में बंदी जन उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में श्री चौधरी सहित कोशा व जेल अधीक्षक राजपूत ने भारती बंधु का शाल, श्रीफल प्रदान कर सम्मान किया।
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