सावन का महीना हिंदू धर्म में काफी पवित्र होता है। यह माह भगवान शिव को समर्पित है। इस पूरे माह भगवान शिव का विशेष पूजन किया जाता है। साथ ही सोमवार को भगवान शिव के विशेष अनुष्ठान भी किए जाते हैं। महिलाएं भी पूरी आस्था के साथ सावन सोमवार के व्रत रखती है।
मान्यता है कि सावन सोमवार पर व्रत रखने से भोलेनाथ की विशेष कृपा प्राप्त होती है। साथ ही कई समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है। हालांकि, इस दिन पूजा के दौरान कई बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। आपको बताते हैं सावन माह में भगवान शिव के पूजन के दौरान किन नियमों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
बेलपत्र के नियम
भगवान शिव को अर्पित की जाने वाली सामग्रियों में बेलपत्र प्रमुख है। इसे शिवलिंग को अर्पित कर उन्हें जल चढ़ाया जाता है। हालांकि, बेलपत्र को सोमवार को नहीं तोड़ा जाता है, ऐसे में इसे एक दिन पूर्व ही तोड़ कर रख लेना चाहिए। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि बेलपत्र कहीं से कटा-फटा न हो। बेलपत्र को हमेशा सीधा अर्पित करना चाहिए। कच्चा दूध चढ़ाएं
सावन में भगवान शिव को कच्चा दूध चढ़ाने का विशेष महत्व है। भोलेनाथ का दुग्धाभिषेक करने से चंद्र दोष भी दूर होते हैं। शिवपूजन के दौरान उन्हें तुलसी और सिंदूर नहीं चढ़ाना चाहिए।
पूरी परिक्रमा न करें
भोलेनाथ के पूजन के बाद शिवलिंग की पूरी परिक्रमा नहीं करनी चाहिए। मान्यता है कि भगवान शिव की सिर्फ आधी परिक्रमा ही की जाती है। साथ ही उन्हें चढ़ाए गए जल को भी नहीं लांघना चाहिए।
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