सुकमा : जिला सुकमा में छत्तीसगढ़ शासन की ‘‘छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति’’ एवं सुकमा पुलिस द्वारा चलाये जा रहे ‘‘नियद नेल्ला नार ’’ योजना से प्रभावित तथा अति संवेदनशील अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार कैम्प स्थापित होने से पुलिस के बढ़ते प्रभाव व नक्सलियों के अमानवीय, आधारहीन विचारधारा एवं उनके शोषण, अत्याचार तथा बाहरी नक्सलियों के द्वारा भेदभाव करने तथा स्थानीय आदिवासियों पर होने वाले हिंसा से तंग आकर नक्सली संगठन में सक्रिय 02 महिला नक्सली सहित कुल 05 नक्सलियों क्रमशः 01. सागर उर्फ दूधी कोसा पिता देवा (गालीकोण्डा(ओड़िशा) एरिया कमेटी कमाण्डर/ एसीएम ईनामी 05 लाख रूपये) उम्र लगभग 26 वर्ष निवासी दंतेशपुरम थाना भेजी जिला सुकमा, 02. मुचाकी कोसा पिता स्व. हुंगा (सुरपनगुड़ा आरपीसी ग्राम पुलनपाड़ जीआरडी मिलिशिया डिप्टी कमाण्डर) उम्र लगभग 27 वर्ष मुरिया निवासी पुलनपाड़ पटेलपारा थाना चिंतलनार जिला सुकमा, 03. महिला कोरसा हुंगी पिता स्व. मंगडू (सिलगेर आरपीसी सीएनएम सदस्या) उम्र लगभग 25 वर्ष जाति मुरिया निवासी तिम्मापुरम थाना जगरगुण्डा जिला सुकमा, 04. महिला मड़कम लक्खे पिता केसा (किस्टराम एरिया कमेटी टेलर टीम सदस्या) उम्र लगभग 39 वर्ष जाति मुरिया निवासी कामवरम थाना किस्टाराम जिला सुकमा, 05. मड़कम देवा पिता स्व. मड़कम हड़मा (गोमपाड़ आरपीसी जनताना सरकार अध्यक्ष) उम्र लगभग 40 वर्ष जाति मुरिया निवासी गोमपाड़ मुरिया पारा थाना भेजी जिला सुकमा के द्वारा बुधवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय सुकमा में अरविंद पी आनंद, द्वितीय कमान अधिकारी 217 वाहिनी गजेन्द्र बहादूर सिंह, द्वितीय कमान अधिकारी 212 वाहिनी सीआरपीएफ, सपन चौधरी, उप पुलिस अधीक्षक नक्सल ऑप्स सुकमा एवं धर्मेन्द्र कुमार सहायक कमाण्डेन्ट 223 वाहिनी के समक्ष बिना हथियार के आत्मसमर्पण किया। ईनामी नक्सली सागर उर्फ दूधी कोसा को समर्पण हेतु प्रोत्साहित कराने में रेंज फिल्ड टीम डीआईजी ऑफिस कोंटा (आरएफटी) एवं 212, 217 वाहिनी सीआरपीएफ के आसूचना शाखा, नक्सली मुचाकी कोसा को आत्मसमर्पण हेतु प्रोत्साहित कराने में 223 वाहिनी सीआरपीएफ के आसूचना शाखा एवं शेष नक्सलियों को आत्मसमर्पण हेतु प्रोत्साहित कराने में नक्सल सेल आसूचना शाखा तथा डीआरजी सुकमा का विशेष प्रयास रहा।उपरोक्त सभी प्रतिबंधित नक्सल संगठन में जुड़कर विभिन्न नक्सली गतिविधियों जैसे पुलिस गस्त पार्टी की रेकी कर हमला करना, पुलिस पार्टी के आने-जाने वाले मार्गो में स्पाईक लगाना, मुख्य मार्गों को खोदकर अवरूद्ध करना, शासन-प्रशासन के विरूद्ध में नक्सली पर्चा-पाम्पलेट लगाना आदि घटनाओं में शामिल रहे है।
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