राजनंदगांव : नगर निगम के पूर्व अध्यक्ष शिव वर्मा ने शहर की सफाई व्यवस्था खराब होने के लिए महापौर एवं निगम प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि इससे भाजपा सरकार को बदनाम करने की साजिश चल रहा है। उन्होंने कहा कि इन दिनों शहर की सफाई व्यवस्था आधे से ज्यादा वार्ड में ठेके पद्धति से सफाई होता है। चुनाव होने के कारण सफाई ठेका निविदा आमंत्रण के बाद आचार संहिता हटने के बाद निविदा को खोला गया। परंतु महापौर परिषद में अपनी परिषद में सफाई कर्मचारी कटौती को लेकर निगम ने इसे निरस्त किया। तथा सफाई ठेका खत्म होने के बाद अभी वर्तमान में ठेके वाले वार्ड में कर्मचारी नहीं होने कारण वार्ड के सफाई व्यवस्था पूरी तरह खराब हो चुका है.
नालिया की सफाई नहीं होना तथा वार्ड में झाड़ू नहीं लगे गोबर की उठाव नहीं होने के कारण पूरा वार्ड में गंदगी पसरा हुआ है। तथा कभी भी गंभीर बीमारियों को जन्म दे सकता है। जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी निगम प्रशासन एवं महापौर की होगी। सफाई व्यवस्था को लेकर निगम प्रशासन एवं महापौर जनता को मूलभूत सुविधा प्रदान करने के बजाय हाथ में हाथ धरे बैठे हुए हैं। इनको जनता से कोई लेनादेना नहीं है।
श्री वर्मा ने आगे कहा कि महापौर पूरे 5 साल सिर्फ जनता को गडबों नवा राजनांदगांव का सपना दिखाया है।प्रथम नागरिक का दायित्व पूरी तरह भूल गए हैं। सफाई के नाम से राजनीति करने वाले महापौर को अब जनता से कोई सरोकार नहीं है। निगम आयुक्त भी अपने दायित्व को भूल कर राजनीति कर रहे हैं। तथा भाजपा को बदनाम करने की साजिश कर रहे हैं।
आज शहर की सफाई व्यवस्था पूरी तरह अस्त व्यस्त हो गया है। ठेका वाले वार्डों की हालत खराब होते जा रहा है। एक हफ्तों से नालियों की सफाई तथा सड़कों की सफाई बिल्कुल नहीं हो पाया है। आखिर जिम्मेदार कौन है।महापौर या निगम प्रशासन।
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