राजनांदगांव: शहर की जन- जन की आवाज एवं पूर्व पार्षद हेमंत ओस्तवाल ने एक जारी बयान के माध्यम् से यह कहा कि, संस्कारधानी नगरी की शहर की जनता को सफाई ठेके वाले लगभग जिन २७ वार्डो में नूरा कुश्ती का खेल सत्ता धारी निगम की महापौर और भाजपा के नेताओं के बीच सफाई ठेका हथियाने के लिए १५ दिनों तक ठेके वाले वार्ड की जनता को चंद पैसों के लिए ? जिस तरह से निगम की एम.आई.सी में महापौर हेमादेशमुख के द्वारा सफाई ठेके के टेण्डर को निरस्त किया गया था। और ऐसा लगता है कि, निगम की महापौर हेमा देशमुख और उनके समर्थकों का नोटा माइसिन और सफाई ठेके का ताल मेल बैठते ही? जो १५ दिनों पूर्व सफाई ठेके को नियमों का हवाला देते हुए निरस्त किया गया था। और आज समाचार पत्रों में यह प्रकाशित हुआ है कि, रद् टेण्डर को वर्क आर्डर जारी करते हुए निगम के एम.आई.सी में पास किया गया। वापस नियम कानून को ताक में रखकर फिर वापस कैसे एम.आई.सी मेें ठेंका पास किया गया है।
यह एक गंभीर जांच का विषय है। और निगम की महापौर जिस तरह से कांग्रेस पार्टी का संस्कारधानी नगरी में दिन प्रतिदिन चंद स्वार्थ के चलते जो ग्राफ गिरा रही है ? उसे शहर एवं राजनांदगांव जिले की जनता समाचार पत्रों के माध्यम से देख रही है। जबकि इस मामले को शहर जिला कांग्रेस कमेंटी के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पार्षद कुलबीर सिंह छाबड़ा को इस बरसात के मौसम में गंभीर बीमारियों को देखते हुए शहर की जनता के हित में सफाई ठेके के मामले में ठोस निर्णय कांग्रेस पार्टी और जनहित में लेना था लेकिन भाजपा नेताओ और निगम आयुक्त के पास इन लोगों की ऐसी कमजोर नस जो दबी हुई है? उसके चलते १५ दिनों तक सफाई ठेके के मामले में आम- जनता को परेशान किया गया जो कि, एक जनप्रतिनिधियों को शोभा नहीं देता है। इसका नुकसान पहले विधानसभा चुनाव मेें हुआ फिर लोकसभा चुनाव में हुआ और अब नगरीय निकाय के चुनाव में यही शहर की जनता निगम की महापौर और सफाई ठेका लेने वाले जनप्रतिनिधियों को निपटाकर रहेगी।
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