राजनांदगांव: शहर की जन-जन की आवाज एवं पूर्व पार्षद हेमंत ओस्तवाल ने एक जारी पत्र के माध्यम् से छ.ग. प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष दीपक बैज जी एवं छ.ग. के पूर्व मुख्यमंत्री और राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी रहें श्री भूपेश बघेल जी से यह मांग की है कि राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ ब्लॉक के मुड़पार क्षेत्र के रेत के मामले में डोंगरगढ़ के एस डी एम उमेश पटेल कांग्रेस पार्टी के जिलाध्यक्ष और कांग्रेस के विधायकों और कार्यकर्ताओं आदि पर भारी पड़ते हुए? अवैध रेत के लगभग ८०० हाईवा रेत के मामले को जिस तरह जांचकर्ता अधिकारी अपर कलेक्टर आदि की टीम की मिली भगत के चलते एस डी एम उमेश पटेल को भ्रष्टाचार और शासन के नियम विरूद्ध कार्य करने से बचाते हुए उक्त सप्लायर्स से करोड़ों की रेत के मामले में ६ लाख रूपयों का अर्थदण्ड लगाकर जो खानापूर्ति की गई है उससे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के भारत के भ्रष्टाचार मुक्त स्वर्णिम सपनों को डोंगरगढ़ के एस डी एम और जांचकर्ता अधिकारी सी एल मारकण्डे कांग्रेस के विधायकों और जिला अध्यक्ष पर भारी पड़ते हुए जिस तरह एस डी एम उमेश पटेल को बचाया गया उससे कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं और छोटे नेताओं का मनोबल टूटा है और राजनांदगांव जिले की आम जनता में इसका गलत संदेश जा रहा है क्योंकि सामने नगरीय निकाय -नगर पंचायत और जिला पंचायत आदि के छोटे कार्यकर्ताओं का चुनाव सिर पर है ऐसे में जब एक एस डी एम कांग्रेस के ५ विधायक और जिला ग्रामीण के अध्यक्ष और तमाम कांग्रेस के धरना देने वाले नेताओं पर भारी पड़ गया है? तो इस प्रदेश में भाजपा की स्पष्ट बहुमत में सरकार है तो प्रदेश के कलेक्टर और एस पी एवं निगम आयुक्त आदि इस तरह कही नगरीय निकाय के चुनाव में एक हो गये तो कांग्रेस पार्टी को नगरीय निकाय के चुनाव में सफाया होने से नही रोका जा सकता? इसलिये राजनांदगांव डोंगरगढ़ ब्लॉक के मुड़पार क्षेत्र के रेत के मामले में प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और तमाम कांग्रेस के विधायक और पूरा संगठन नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत जी और राजनांदगांव लोकसभा के प्रत्याशी रहे भूपेश बघेल जी के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं के मनोबल बढ़ाने- शासनहित और जनहित में इस रेत के मामले में जो लिपा पोती की गई है उसके खिलाफ राजनांदगांव जिला मुख्यालय में धरना प्रदर्शन आदि करते हुए इस पूरे मामले में एस डी एम उमेश पटेल खनिज विभाग के अधिकारी प्रवीण चंद्राकर और रेत सप्लायर्स ठेकेदार के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करवायी जाये चाहे वह किसी भी राजनैतिक दल से संबंध रखता हो उससे सम्पूर्ण रेत की राशि की गणना करते हुए पूरी राशि वसूल करवाई जाये और यदि इस मामले में कही ढीले पड़ गये तो प्रदेश के भाजपा के नेता यह समझ जायेंगे कि एक एस डी एम ने कांग्रेस के विधायकों और जिला ग्रामीण अध्यक्ष की टीम को चुटकी में निपटा दिया गया? जिससे गलत संदेश इस प्रदेश में जायेगा।
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