राजनांदगांव जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती गीता घासी साहू ने छत्तीसगढ़ की कानून-व्यवस्था को लेकर कांग्रेस द्वारा विधानसभा के घेराव के ऐलान को सियासी ड्रामेबाजी बताते हुए कहा है कि प्रदेश में अपराधों की रोकथाम के लिए प्रदेश सरकार सतत ठोस कदम उठा रही है और मुद्दाविहीन हो चली कांग्रेस इसमें ओछी राजनीति कर रही है। श्रीमती साहू ने कहा कि दरअसल कांग्रेस नेताओं को अपने पिछले शासनकाल के आईने में अपने नकारापन की सच्चाई देखना चाहिए, जब पूरा प्रदेश अपराधगढ़ बन गया था और प्रदेश के तत्कालीन गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने अपराधों की रोकथाम के मामले में अपने हाथ खड़े कर दिए थे। श्रीमती साहू ने कहा कि आज भाजपा सरकार में प्रदेश को एक ऐसा दृढ़ निश्चयी गृह मंत्री मिला है, जो न केवल अपराधों की रोकथाम के लिए सतत प्रयत्नशील है, अपितु प्रदेश को नक्सलियों के आतंक से मुक्त करने की दिशा में तेजी और सख्ती से पहल कर रहा है।उन्होंने कहा कि दरअसल कानून-व्यवस्था तो कांग्रेस के लिए एक बहाना भर है, मूल बात यह है कि जिन नक्सलियों के साथ कांग्रेसियों का भाईचारा है, वे नक्सली कांग्रेस की दुखती रग हैं, और उनके समूल उन्मूलन के लिए प्रदेश के उप मुख्यमंत्री/गृह मंत्री विजय शर्मा संकल्पित हैं और कांग्रेसी कानून- व्यवस्था का प्रलाप मचाकर शर्मा के खिलाफ एक साजिशाना और झूठा नैरेटिव चला रहे हैं। श्रीमती साहू ने कहा कि बीजापुर का कांग्रेसी नेता तेलंगाना में हार्डकोर नक्सली के साथ पकड़ा गया था और यहां भूपेश सरकार के मंत्री उसके अपहरण की कहानी सुना रहे थे। कांग्रेस के शासन में छत्तीसगढ़ में 1 माह में चार भाजपा पदाधिकारियों की टारगेट किलिंग हुई थी। इससे अधिक शर्मनाक बात और क्या हो सकती है कि झारखंड के गैंगस्टर भी छत्तीसगढ़ के कारोबारियों को वसूली के लिए धमाके करके धमका रहे थे।
जब भूपेश बघेल सहित चार तत्कालीन मंत्री अपने जिले को नहीं संभाल पा रहे थे तो कांग्रेसी बताएं कि प्रदेश की कानून-व्यवस्था की स्थिति का धनी-धोरी कौन था? श्रीमती साहू ने कहा कि कानून-व्यवस्था के मसले को लेकर फिजूल की सियासी नौटंकियों और अनर्गल प्रलाप के बजाय कांग्रेस बेहतर कानून-व्यवस्था के लिए रचनात्मक भूमिका का निर्वहन करे।
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