सुकमा : जिला सुकमा में छत्तीसगढ़ शासन की ‘‘छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति’’ एवं सुकमा पुलिस द्वारा चलाये जा रहे ‘‘नियद नेल्ला नार’’ योजना से प्रभावित तथा अति संवेदनशील अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार कैम्प स्थापित होने से पुलिस के बढ़ते प्रभाव व नक्सलियों के अमानवीय, आधारहीन विचारधारा एवं उनके षोषण, अत्याचार तथा बाहरी नक्सलियों के द्वारा भेदभाव करने तथा स्थानीय आदिवासियों पर होने वाले हिंसा से तंग आकर नक्सल संगठन में सक्रिय कुल 05 नक्सलियों क्रमशः (1) तेलम हुंगा पिता तेलम सोमा(दुलेड़ आरपीसी सीएनएम उपाध्यक्ष)उम्र लगभग 26 वर्ष जाति मुरिया निवासी दुलेड़ वंजामपारा थाना चिंतागुफा जिला सुकमा (2) माड़वी हुंगा पिता नंदा(मोरपल्ली आरपीसी मिलिशिया सदस्य)उम्र लगभग 28 वर्ष जाति मुरिया निवासी मोरपल्ली बण्डमरूम थाना चिंतलनार जिला सुकमा (3) मड़कम मुया पिता सप्पा (मुलेर पंचायत डीएकेएएमएस सदस्य)उम्र लगभग 30 वर्ष जाति मुरिया निवासी मुलेर उकूरपारा थाना फुलबगड़ी जिला सुकमा (4) मड़कम भीमा पिता हुंगा (मुलेर पंचायत मिलिशिया सदस्य)उम्र लगभग 28 वर्ष जाति मुरिया निवासी मुलेर रेंगापारा थाना फुलबगड़ी जिला सुकमा (5) सोड़ी देवा पिता स्व. जोगा (मुलेर पंचायत मिलिशिया सदस्य)उम्र लगभग 25 वर्ष जाति मुरिया निवासी मुलेर उकूरपारा थाना फुलबगड़ी जिला सुकमा (छ0ग0) के द्वारा शनिवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय सुकमा में अनानी शरण, द्वितीय कमान अधिकारी 02 वाहिनी सीआरपीएफ एवं सपन चौधरी उप पुलिस अधीक्षक डीआरजी जिला सुकमा के समक्ष बिना हथियार के आत्मसमर्पण किया। नक्सलियो को आत्मसमर्पण हेतु प्रोत्साहित कराने में 02री वाहिनी सीआरपीएफ असूचना शाखा व जिला बल सुकमा का विशेष योगदान रहा।उपरोक्त सभी प्रतिबंधित नक्सल में जुडकर विभिन्न नक्सली गतिविधियों जैसे पुलिस गस्त पार्टी की रेकी कर हमला करना, पुलिस पार्टी के आने-जाने वाले मार्गो में स्पाईक/आईईडी लगाना, मुख्य मार्गों को खोदकर अवरूद्ध करना, शासन-प्रशासन के विरूद्ध में नक्सली पर्चा-पाम्पलेट लगाना आदि घटनाओं में शामिल रहा है।*सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों को ‘‘छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति’’ के तहत् सहायता राशि व अन्य सुविधायें प्रदाय कराया जवेगा।



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