छत्तीसगढ़ गनमैन प्रा.सि.गार्ड वेलफेयर सोसायटी ने विधानसभा अध्यक्ष को सौंपा ज्ञापन

छत्तीसगढ़ गनमैन प्रा.सि.गार्ड वेलफेयर सोसायटी ने विधानसभा अध्यक्ष को सौंपा ज्ञापन

राजनांदगांव  :  अपने एक दिन के प्रवास में पहुंचे छत्तीसगढ़ प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व वर्तमान छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह को छत्तीसगढ़ गनमैन  प्रा.सि.गार्ड वेलफेयर सोसायटी की ओर से प्रतिनिधित्व करते हुये सोसायटी के प्रदेश अध्यक्ष नंदकिशोर डड़सेना के द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य में लाइसेंस धारी सशस्त्र प्रायवेट गनमैन, गार्ड के लिये बनाई गई नियमावली में संशोधन करने एवं प्रमुख माँगे और समस्याएं है उस विषय से सम्बंधित ज्ञापन सौंपा गया। श्री सिंह ने बातों को गम्भीरता से सुनते हुये मांग पत्र का अवलोकन किया। तदुपरांत गृह मंत्रालय को आदेशित करने हेतु मांग पत्र पी.ए. को दिया गया । समिति के उपाध्यक्ष दिनेश कुमार टण्डन के द्वारा बताया कि प्रतिलिपि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, गृहमन्त्री छत्तीसगढ़ विजय शर्मा उपमुख्यमंत्री के नाम केंद्र एवं छत्तीसगढ़ राज्य के नाम प्रेषित किया गया।

श्री टण्डन ने आगे बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य में प्राइवेट समस्त लाइसेंस धारी सशस्त्र पिस्टल एवं बड़ी हथियार लेकर बैंक, वित्तीय संस्थान, इंडस्ट्रीज, मॉल एवं प्राइवेट कंपनियों में गनमैन, गार्ड कार्यरत हैं। समस्त गनमैन, गार्ड को दी जाने वाली प्रनिमाह वेतन एवं भत्ता व ड्यूटी का समय सीमा निर्धारित किया जाए कई जगह ऐसे हैं। कि ड्यूटी करने का कोई समय सीमा निर्धारित नहीं किया जा रहा है। मनमानी करते हुए गनमैन, गार्ड को प्रताड़ित किया जाता है। इस तरह संपूर्ण भारत वर्ष में गनमैन, गार्ड का शोपण किया जा रहा है। प्रमुख मांगे इस प्रकार से है - शासन के द्वारा सिक्यूरिटी मानिटरिंग कमेटी गठित किया जावे जिसमें गनमैन एसोसियेशन से पदाधिकारी को सदस्य मनोनीत किया जावे, राज्य के समस्त सुरक्षा गार्डस का वेतनमान क्रमशः होना चाहिए, एक्स मैन आर्मस गार्ड का मासिक वेतन 50 हजार, सिविलियन आर्मस गार्डस का मासिक वेतन 40 हजार, सिक्युरिटी गार्ड का मासिक वेतन 30 हजार होना चाहिए, शासन को यह निर्धारित करना होगा कि जिस राज्य का मूल निवासी है। उनको पहले प्राथमिकता मिलना चाहिए नवीन शस्त्र लाईसेंस जारी होते ही शस्त्र धारक का बीमा सुनिश्चित किया जाये। जिस राज्य में राज्य स्तरीय पंजीकृत गनमैन, गार्ड प्राइवेट सिक्यूरिटी समिति को गनमैन, गार्ड का टेंडर लागू किया जाए दूसरे राज्य के किसी भी समिति को टेंडर नहीं दिया जाए।









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