रायपुर : छत्तीसगढ़ में भू-स्वामियों को पटवारी रिकॉर्ड की गलतियों में सुधार के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। राजस्व रिकॉर्ड में नाम सुधारना, खसरा सही नहीं होना, पटवारी रिकॉर्ड में गलती आदि राजस्व त्रुटियों के लिए अब अनुविभागीय कार्यालय(एसडीएम) के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी।
राज्य सरकार ने ऐसे प्रकरणों के लिए एसडीएम कार्यालय के स्थान पर अब तहसीलदारों को अधिकृत किया है। इससे पहले आम आदमी, किसानों को ऐसे प्रकरणों के लिए एडीएम दफ्तर के चक्कर काटने पड़ते थे।
पटवारी रिकॉर्ड में दर्ज त्रुटियों को सुधारने के लिए अब तहसील कार्यालय से काम हो जाएगा। तहसीलदार को भूमि स्वामी उसके पिता, पति के नाम, उपनाम, जाति, पते में लिपिकीय त्रुटि आदि सुधार करने अधिकृत किया गया है।
छत्तीसगढ़ में वर्तमान में राजस्व के 1.76 लाख से अधिक मामले लंबित हैं। सरकार के इस निर्णय के बाद लोगों को राहत मिलेगी। बदले नियमों की अधिसूचना राजपत्र में भी प्रकाशित कर दी गई है। नईदुनिया ने राजस्व विभाग से संबंधित खामियों को लेकर लगातार अभियान चलाया, जिसके बाद सरकार ने राजस्व शिविर लगाया। अब एक और बड़ा फैसला लिया है।
राजस्व मामलों में तेजी के निर्देश
छत्तीसगढ़ में खेती-किसानी का सीजन शुरु हो चुका है। राज्य सरकार ने राजस्व के लंबित मामलों के निराकरण में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। तहसीलदारों के अधिकारों में की गई बढ़ोतरी को भी इसी दिशा में किया गया प्रयास माना जा रहा है।
अभी ये होती थी परेशानी
नाम, पता सहित पटवारी रिकार्ड में गलतियों को सुधारने के लिए पहले एसडीएम कार्यालय में आवेदन देना पड़ता था। वहां से यह आवेदन तहसीलदार को भेजा जाता था। तहसीलदार, पटवारी को प्रतिवेदन तैयार करने के निर्देश देते थे। यह प्रतिवेदन पुन: एसडीएम कार्यालय भेजा जाता था। अब सीधे तहसील कार्यालय में आवेदन करना होगा, यहीं से त्रुटि सुधार किया जाएगा।
ये काम भी कर सकेंगे तहसीलदार
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