राजनांदगांव: राजनांदगांव की रूपाली गांधी( पिता जुगल किशोर लड्ढा) जो प्रारंभ से ही गायत्री परिवार (पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी) से जुड़ी है, उन्होंने बताया कि बच्चों के संपूर्ण व्यक्तित्व विकास हेतु स्कूलों में शिक्षा के साथ संस्कार एक पाठ्यक्रम कोर्स के रूप में पढ़ाया जाना चाहिए क्योंकि शिक्षा जब संस्कार से जुड़ती है तो वह विद्या कहलाती है ।यही विद्या एक चरित्रवान व्यक्तित्ववान पीढी तैयार करती है ,इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए रूपाली गांधी ने चार किताबें और 10 फ्लैश कार्ड का लेखन कर एक आकर्षक रोचक वैज्ञानिक , सांस्कृतिक ,राष्ट्रीय आध्यात्मिक, पहलुओं को अपनी किताब में सम्मिलित कर संस्कार किट का निर्माण किया है। उनका कहना है यह किट सिर्फ बच्चों नही बल्कि शिक्षकों और अभिभावकों हेतु भी बहुत उपयोगी व जानकारी परक है। खास बात यह है कि इस संस्कार किट हेतु अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख डॉक्टर प्रणव पंड्या जी, आदरणीय शैल बाला पंड्या जी ने अपना आशीर्वाद पत्र प्रदान किया है ।हमारे समाज, राष्ट्र का भविष्य पाठशाला में गढ़ा जा सकता है क्योंकि विद्यार्थी अपने जीवन का महत्वपूर्ण समय विद्या अध्ययन करते हुए विद्यालय में ही व्यतीत करता है, उम्र के उस पड़ाव से व्यक्ति विद्यालय में जाना प्रारंभ करता है जब उसकी ग्रहण क्षमता सीखने की क्षमता चरम पर होती है और इस समय जो भी बातें वह देखता सुनता समझता है सीखता है वह जीवन भर उसके मन मस्तिष्क पर ऐसी अमिट छाप छोड़ जाता है कि एक तरह से उसी के आधार पर उसके चरित्र और विचार पद्धति का निर्माण होता चला जाता है ऐसे में यूं कहे की व्यक्ति का बौद्धिक और चारित्रिक निर्माण बहुत कुछ उपलब्ध शिक्षा प्रणाली पर निर्भर है ।आदर्श शिक्षा पद्धति ऐसी होनी चाहिए जिससे बालकों के चरित्र गठन भावनात्मक निर्माण विवेकशीलता आर्थिक स्वालंबन को विशेष महत्व दिया जाए । ऐसे में हमारी शिक्षा प्रणाली में क्रांतिकारी परिवर्तन करना ही समय की आवश्यकता है। विद्यार्थी जीवन जीवन का स्वर्णिम काल होता है जब विद्यार्थी अपने ग्रहणशीलता की चरम पर होता है और उसका जीवन पालक और शिक्षक के मध्य एक पेंडुलम की भांति घूमता रहता है। इस समय वह घर के वातावरण में पलकों के व्यवहार चरित्र और विद्यालय के वातावरण में शिक्षकों के व्यवहार आचरण के द्वारा बहुत कुछ सिख रहा होता है । इन उद्देश्यों को ध्यान में रखकर तैयार किए गए संस्कार किट में देश के महान आदर्श व्यक्तित्व की कहानी के रूप में परिचय अच्छी-अच्छी आदतों की रोचक जानकारी ,शुभ चिन्ह की अभ्यास पुस्तिका ,योग दिनचर्या व भारतीय सांस्कृतिक धरोहरों की संपूर्ण जानकारी पूरे वैज्ञानिक तथ्यों के साथ वह एक्टिविटी एक्सरसाइज सहित तैयार की गई है जिसका विमोचन गुरु पूर्णिमा के पावन दिन गायत्री शक्तिपीठ में वरिष्ठ परिजनों मुख्य प्रबंध ट्रस्टी सूर्यकांत चितलांग्या ,नंद किशोर सुरजन ,बृज किशोर सुरजन, जुगल किशोर लड्ढा, जयंती भाई पटेल ,कमल गांधी ,शशि सुरेश गट्टानी,ओमप्रकाश लड्ढा,नायर मैडम, पिंकी मैडम ,राधा लड्ढा ,सुषमा सुरजन , इंदू श्रीवास्तव,लश्करे मां,एवं सभी वरिष्ठ भाइयों बहनों के मार्गदर्शन में हुआ। कार्यक्रम का सफल संचालन गगन लड्ढा ने किया ।
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