राजनांदगांव : शहर की जन- जन की आवाज एवं पूर्व पार्षद हेमंत ओस्तवाल ने एक पत्र के माध्यम् से देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी एवं छ.ग. शासन के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जी एवं राजनांदगांव जिले के कलेक्टर संजय अग्रवाल जी अनुरोध है कि, शासनहित और जनहित को ध्यान मेें रखते हुए अपने कर्तव्यों और दायित्वों का निर्वहन करते हुए। राजनांदगांव जिले के ग्राम- चवेली में जो खनिज चूना- पत्थर का अवैध उत्खनन का समाचार पत्रों में लगातार इस भष्ट्राचार और अवैध उत्खनन का मामला प्रकाशित हो रहा है। और राजनांदगांव शहर के विधायक डॉ. रमन सिंह जी जिस तरह देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के सपनों को आइना दिखाते हुए उनके विधानसभा क्षेत्र में जिला मुख्यालय राजनांदगांव में जिला- खनिज विभाग के कुछ भष्ट्र अधिकारियों की मिली भगत के चलते अवैध उत्खनन खुलेआम होते रहा? और जब भष्ट्राचार की जांच की मांग हुई तो अवैध उत्खनन के मामले में मनिन्दरसिंह गरचा आ. हरवंश सिंह गरचा के खिलाफ अवैध उत्खनन के मामले में खनिज विभाग के द्वारा रॉयल्टी राशि १,१४,५८,८४१.०० रूपयें उत्खनित खनिज का कुल बाजार मूल्य ३,३०,८८,२७५.०० रूपये तथा प्रस्तावित अर्थदण्ड ४,७६,४७,११६.०० रूपये लगभग की राशि वसूली किया जाना है। लेकिन इस मामले में जिस तरह से राजनांदगांव शहर के विधायक और विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह के द्वारा इस मामले को दबाने हेतु राजनांदगांव जिले के कलेक्टर और अपर कलेक्टर के ऊपर राजनैतिक दबाव बनाने का जो प्रयास किया जा रहा है? वह शासनहित और जनहित में उचित नहीं है। क्योंकि अभी गत दिनों डोंगरगढ़ के मुढ़पार अवैध रेत के मामला भी इसी तरह रफा दफा करते हुए एस.डी.एम. उमेश पटेल को बरी कर दिया गया। इसलिए प्रधानमंत्री मोदी जी से मांग है कि, आपके कार्यालय के द्वारा कोई उच्च स्तरीय जांच टीम भेजकर इस मामले को दफन होने से बचाते हुए इसमें सल्लिप्त भष्ट्र अधिकारियों और अवैध उत्खनन करने वाले के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज करवाकर शासन के नियम शर्तो के तहत् सम्पूर्ण अवैध उत्खनन की राशि वसुली करवायी जाये जिससे प्रधानमंत्री मोदी जी की विश्वशनियंता देश में बनी रहे कि डबल इंजन की सरकार आने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय में किसी भी भष्ट्रचारियों का कोई स्थान नहीं है।
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