डौण्डी लोहारा : एनसीईआरटी द्वारा विद्यालयों में संचालित विद्या प्रवेश कार्यक्रम के मूल्यांकन को लेकर एनसीईआरटी के फील्ड इन्वेस्टीगेटर ने चिह्नित विद्यालयों का दौरा किया। जिसमे बालोद जिला से स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय देवरी एवं पीएम श्री शासकीय प्राथमिक शाला डौण्डी लोहारा शामिल है जिसके लिए शिक्षा विभाग द्वारा टीम तैयार कर जिला के क्षेत्र के दोनों विद्यालयों में एनसीईआरटी द्वारा चलाए जा रहे विद्या प्रवेश कार्यक्रम का मूल्यांकन किया गया। एनसीईआरटी द्वारा विद्यालयों में प्रथम कक्ष के बच्चों के लिए विद्या प्रवेश कार्यक्रम चलाया जा रहा है इसी क्रम में पीएम श्री शासकीय प्राथमिक शाला डौण्डी लोहारा का मूल्यांकन किया गया। जहां मूल्यांकन टीम में एनसीईआरटी के प्रोफेसर एस पी मोहन्ती डाइट से डॉ नीलम दुबे डॉ वंदना सिंह डॉ सत्येन्द्र शर्मा तथा संकुल समन्वयक द्वय मोहित राम भौसार्य व नरेंद्र साहू का आगमन हुआ।
विद्या प्रवेश कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बाल वाटिका या नर्सरी कक्षा से प्रथम कक्षा में आए विद्यार्थियों की अभिरुचियों को जानते हुए उनके शिक्षण कार्य में एकरूपता लाना है। यह विद्या प्रवेश आंकलन का कार्य एनसीईआरटी की देखरेख में किया जा रहा है। टीम के सभी सदस्य प्रार्थना सत्र के दौरान विद्यालय पहुंचे और प्रधानाध्यापक सहित सभी शिक्षकों के साथ सामूहिक बैठक की। एनसीईआरटी के प्रतिनिधि ने कहा कि आप नित्य दिन की तरह ही कक्षाओं का संचालन करें। इस दौरान ही "विद्या प्रवेश"की गतिविधियों का भी मूल्यांकन कर लिया जाएगा। टीम के सदस्य करीब 6 घंटे तक रहे और इस कार्यक्रम के तहत बच्चों में क्या-क्या विकास हुआ है,साथ ही गतिविधियों के माध्यम से पढ़ाई में बच्चों ने कितना सीखा है। इन सभी बिन्दुओं पर आकलन किया।
शिक्षक छगन बंसोर ने बताया कि विद्या प्रवेश बच्चों को पहले तीन महीने के कोर्स में खेल-खेल में मैं और मेरा परिवार, स्मृति वाले खेल, सृजनात्मक गतिविधियां, बिदु मिलान, कहानियों की किताबें देखने, कहानी सुनाने और सुनने, खिलौनों और ब्लॉक्स से खेलना, मोतियों को पिरोना, चित्रों पर बीज रखना जैसे उनकी रुचि के खेल बताए जाते है। ताकि वे स्कूल आने से डरे नहीं, बल्कि रुचि से स्कूल आना शुरू करें।
वही इस कार्यक्रम के तहत बच्चों में क्या क्या विकास हुआ साथ ही गतिविधियों के माध्यम से पढ़ाई में बच्चों ने कितना सीखा है। विद्या प्रवेश मॉड्यूल बच्चों की पूर्व-साक्षरता, पूर्व-संख्यात्मकता और सामाजिक कौशल के लिए खेल-आधारित शिक्षण दृष्टिकोण के माध्यम से एक मजबूत आधार तैयार करता है। यह सुनिश्चित करता है कि वे भविष्य की कक्षा सीखने के लिए अच्छी तरह से तैयार हैं और अंतराल के कारण कभी भी पढ़ाई में रुचि नहीं खोते हैं।
विद्या प्रवेश सामग्री नर्सरी, LKG और UKG के लिए आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मकता (FLN) के साथ दी गई है। यह शिक्षकों को बच्चों को आधारभूत शिक्षा के लिए तैयार करने के लिए व्यापक खेल-आधारित सामग्री से लैस करता है।हम प्रारंभिक शिक्षा के लिए की FLN सामग्री और विद्या प्रवेश को सक्षम करने के लिए तत्पर हैं। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक बच्चे को, चाहे वह किसी भी स्थान और सामाजिक-आर्थिक स्थिति का हो, गुणवत्तापूर्ण प्रारंभिक शिक्षा और भविष्य की शिक्षा के लिए एक मजबूत आधार बनाने का अवसर मिले। इस अंतर को पाटकर, हम सार्वभौमिक आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मकता के निपुण भारत लक्ष्य को प्राप्त करने के करीब पहुँचते हैं।वही इस कार्यक्रम के तहत बच्चों में क्या क्या विकास हुआ साथ ही गतिविधियों के माध्यम से पढ़ाई में बच्चों ने कितना सीखा है।इसका आकलन किया गया। विद्या प्रवेश कार्यक्रम का प्रारूप एनसीईआरटी ने तैयार किया है। जिसमें जब बच्चे कक्षा 1 में प्रवेश करें तो उन्हें एक अनुकूल और स्वागतमय वातावरण मिल सकें। विद्या प्रवेश में अनुकूल माहौल देने के लिए वर्ग एक के बच्चों को तीन महीने तक चहक गतिविधि करवाई जाती है। जहां कार्यक्रम की गतिविधियों का बच्चों पर प्रभाव जानने के लिए एनसीईआरटी की टीम द्वारा मूल्यांकन किया गया इसमें कक्षावार विषयवार शैक्षिक मूल्यांकन का कार्य किया इस क्रम में विकासखंड शिक्षा अधिकारी हिमांशु मिश्रा का टीम में आगमन हुआ विद्या प्रवेश के अंतर्गत विद्यालय, परिसर, कक्षा, कक्षा शिक्षक, कक्षा का वातावरण, बच्चे व पालकों से भी विस्तृत चर्चा किया गया। NEP 2020 के छः स्तंभ में विस्तारपूर्वक चर्चा की गई।
अंत मे पीएम श्री ग्रीन स्कूल अंतर्गत NCERT टीम को पौधा भेंट की गई। इस बीच शिक्षक छगन बंसोर, अल्का खरे, खिलेश्वरी साहू, चंद्रकला ठाकुर हेमलता साहू समिति अध्यक्ष मनोज साहू पालकगण आदि उपस्थित रहे।
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